आशीष ने बताया कि इस मशीन के आगे अपना हाथ ले जाइए और यह आपको खुद ही बगैर छुए मशीन में भरा हुआ सेनेटाइजर स्राव कर देती है। यह करीब 300 रुपए में विकसित की गई है। विद्युत विभाग के डॉ. विकास शर्मा एवं इंजीनियरिंग कॉलेज बीकानेर के प्राचार्य डॉ.जयप्रकाश भामू ने छात्र को प्रोत्साहित करते हुए छात्र को निकट भविष्य में इस प्रोजेक्ट को बड़े पैमाने पर विकसित करने के लिए महाविद्यालय की तरफ से आर्थिक सहायता देने का आश्वासन भी दिया।
ऐसे करती है काम इस मशीन को बनाने में अल्ट्रासोनिक सेंसर एडाप्टर और सर्वो मोटर जैसी चीजों का प्रयोग किया है। ये टचलेस मशीन अल्ट्रासोनिक सेंसर से सिद्धांत पर कार्य करती है। जिसमे कोई भी ऑब्जेक्ट सेंसर की रेंज में आता तो सर्वो मोटर काम करने लगती है, जिसमे बोतल में भरा सेनेटाइजर वस्तु को सेनेटाइज कर देता है। ऑब्जेक्ट के हटने पर सर्वो मोटर का स्विच स्वत: बंद हो जाता है।