सिर्फ बीकानेर में 60 हजार प्रवासी लौटे
कमेटी के अध्यक्ष सुरेन्द्रसिंह राजपुरोहित ने बताया कि बीकानेर में करीब 60 हजार प्रवासी अन्य राज्यों से आए हैं। होम क्वारंटीन अवधि पूरी होने के बाद सभी रोजगार की तलाश में भटक रहे हैं। इनमें हजारों महिलाएं भी हैं, जिनके पास हुनर है। फिलहाल शुरुआत मास्क बनाने से की है। रोजाना करीब 12 सौ मास्क तैयार हो रहे हैं, जिन्हें शहर के प्रत्येक वार्ड में निशुल्क बांटा जाएगा। मास्क बनाने के लिए जो महिलाएं प्रशिक्षित नहीं थीं, उन्हें प्रशिक्षण दिया गया।
जनसहयोग से कर रहे काम
कमेटी संयोजक बजरंग छीपा ने बताया कि मास्क बनाने के कपड़े से सूई-धागा तक में जनता और जिला प्रशासन का सहयोग लिया जा रहा है। योजना इस तरह से तैयार की गई है कि बड़े उद्यमियों और वितरकों के जरिए तैयार किए गए उत्पादों की बिक्री के प्रयास किए जाएंगे।
सेवा के जज्बे को सलाम
कमेटी ने लॉकडाउन में 75 दिनों तक रसोई केंद्र खोलकर जरूरतमंदों को भोजन उपलब्ध करवाया। इनमें बीकानेर जिले में आने वाले श्रमिक भी शामिल हैं, जिनको भोजन उपलब्ध करवाया गया। इस दौरान करीब 4 लाख 75 हजार लोगों के लिए भोजन व्यवस्था की गई। बीकानेर में कोरोना मरीजों की बढ़ती संख्या को देखते हुए गत 10 दिनों में जनता मास्क केंद्र खोलकर मास्क बनाने का कार्य जारी है। शहर के 80 वार्डों में घर-घर जाकर मास्क व सेनेटाइजर का वितरण किया जाएगा।
आत्मनिर्भर बनाने की सोच
कमेटी से जुड़े लोगों ने बताया कि संस्था का उद्देश्य आत्म निर्भर भारत मिशन को साकार करना है। यह शुरुआत है। लोगों को रोजगार के साथ जनसेवा के अन्य कार्य जैसे पीपीपी किट तैयार करना, सेनेटाइजर बनाना, जरूरतमंदों को रियायती दर पर सामग्री देने जैसे कार्य किए जाएंगे।
गुरुद्वारा से शुरू की सेवा
लॉकडाउन के आरसीपी कॉलोनी स्थित गुरुद्वारे से रोजाना सैकड़ों लोगों के लिए खाने की शुरूआत करने वाला संगठन बेघर और बेरोजगार लोगों के लिए काम कर रहा है। गुरुद्वारा प्रबंध कमेटी के संजय सेठिया ने बताया कि लॉकडाउन के दौरान प्रवासी लोगों को खाने के साथ रोजगार की आवश्यकता है। कमेटी भोजन सेवा के बाद बेरोजगारों के लिए काम कर रही है। इनमें वे लोग भी शामिल हैं जिन्हें या तो नौकरी से निकाल दिया गया या वे नौकरी की तलाश कर रहे हैं।
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