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अगर घर या सोसायटी में कराना है सैनिटाइजेशन तो इस नंबर पर करें कॉल, तुरंत पहुंचेगी टीम
जानकारी के अनुसार बिजनौर के नहटौर के मोहल्ला हलवाईयान निवासी अनुशा पुत्री मसरुर को 4 दिन से बुखार आ रहा था। जिसे परिजनों ने निजी चिकित्सक को दिखाकर दवाई दिलवाई थी। बुधवार को सुबह 4 बजे अचानक अनुशा की तबीयत खराब हो गई। लाॅकडाउन के चलते परिजनों ने इसकी सूचना पुलिस को दी। पुलिस मौके पर पहुंची और बच्ची को उपचार के लिए नगर के सीएचसी में भर्ती कराया। बच्ची को बुखार एवं सांस लेने में दिक्कत होने की समस्या थी। सीएचसी पर बालिका की हालत में सुधार न होने पर चिकित्सकों ने उसे बिजनौर रैफर कर दिया। बताया गया है कि बच्ची को बिजनौर ले जाने के लिए एंबुलेंस हेतु लखनऊ टोल फ्री नम्बर पर फोन किया गया। जहां उन्होंने जिला मुख्यालय पर दो एम्बूलेंस लगी होने की बात करते हुए एम्बूलेंस उपलब्ध नहीं कराई। जिस पर परिजन उसे तुरंत प्राईवेट एम्बूलैंस से बिजनौर ले गए। परिजनों का आरोप है कि डीएम द्वारा उपचार के लिए चयनित किया गया प्राइवेट हॉस्पिटल में जब उन्होंने भर्ती कराना चाहा तो हॉस्पिटल प्रशासन ने बच्ची को भर्ती नहीं किया। परिजन उसे बिजनौर जिला अस्पताल ले गए, जहां पर उसकी हालत चिंताजनक देखते हुए उसे मेरठ रेफर कर दिया गया। आरोप है कि बच्ची को मेरठ अस्पताल में भी भर्ती नहीं किया गया। जिसके बाद परिजन उसे वापस बिजनौर ले आए। जहां पर उपचार के दौरान उसकी मौत हो गई।
यह भी पढ़ें: मुरादाबाद में कोरोना पॉजिटिव युवती ने वीडियो जारी कर कहा, डरने की नहीं लड़ने की जरूरत इस संबंध में प्रभारी चिकित्सा अधिकारी डॉ गुरुचरण सिंह ने बताया बालिका सीएचसी आई थी। जिसे बुखार और सांस लेने में दिक्कत थी। प्राथमिक उपचार के उपरांत सुधार न होने पर उसे बिजनौर रेफर कर दिया गया था। परिजनों ने शिकायत की थी कि उन्हें एंबुलेंस उपलब्ध नहीं कराई गई है।। वहीं पुलिस ने बताया कि सूचना मिली थी कि बच्ची कोरोना से संक्रमित है और उसे तेज़ बुखार से मौत हुई है। इसको लेकर स्वास्थ्य विभाग ने घर पहुँचकर सबका चेकअप किया लेकिन किसी भी परिजनों में कोरोना के लक्षण नहीं पाए गए हैं। घर के सदस्यों को आइसोलेटे में रहने के लिये कहा गया है और घर सेनिटाइज कर दिया गया है।