मास्क नहीं लगाया तो फिर से वापस आ सकता है ‘अप्रैल’, डेंजर जोन में हैं ये जिले

प्रदेश में प्रतिदिन 38 हजार से ज्यादा लोगों के कोरोना से संक्रमित होने का खतरा रहेगा….

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भोपाल। कोरोना संक्रमण के केस कम होने का मतलब यह नहीं कि हम लापरवाही बरतें। ऐसा होता है तो परिणाम भुगतने होंगे। मास्क नहीं लगाया, गाइडलाइन का पालन नहीं किया तो प्रदेश में अक्टूबर में प्रतिदिन हजारों लोग संक्रमित हो सकते हैं। यह चेतावनी दी है संस्था इंस्टीट्यूट फॉर हेल्थ मैट्रिक्स एंड इवैल्यूएशन, नई दिल्ली ने।

एक अक्टूबर 2021 की स्थिति में पूर्वानुमान देकर कहा है कि 69 फीसदी लोग यदि भलीभांति मास्क का उपयोग करें, तब भी यदि शहरों में आवाजाही को नियंत्रित नहीं किया गया तो प्रदेश में प्रतिदिन 38 हजार से ज्यादा लोगों के कोरोना से संक्रमित होने का खतरा रहेगा।

डेंजर जोन में कुछ जिले

छह जिलों को डेंजर जोन में माना गया है। इनमें भिंड, सिवनी, बुरहानुपर, दमोह, आगर-मालवा, शाजापुर शामिल हैं। इन जिलों में आवाजाही बहुत ज्यादा है। लोगों के घूमने-फिरने व आने-जाने पर नियंत्रण की जरूरत है। ऑरेंज कलर वाले जिले दूसरे नंबर पर डेंजर जोन में हैं।

ऐसे समझिए, खतरा कितना ज्यादा

-अध्ययन कहता है कि यदि 69% लोग मास्क लगाते हैं, माइनस 7 आवाजाही होती है, तब भी एक अक्टूबर की स्थिति में विषम हालात हो जाएंगे। यह 38,460 लोगों को रोज संक्रमित करने वाले होंगे।

-95% लोग मास्क लगाते हैं, तो सेफ स्थिति रहेगी। 1 अक्टूबर की स्थिति में तीसरी लहर आने पर भी 824 लोगों के पॉजिटिव होने की स्थिति रहेगी, जो तीसरी लहर के हिसाब से सेफ जोन में ही आएगी।

– स्टडी कहती है कि अभी 69 फीसदी लोग प्रदेश में मास्क का उपयोग कर रहे हैं। इसी स्थिति को एक अक्टूबर तक मानकर डाटा दिया गया है। अभी मध्यप्रदेश में आवाजाही बेसलाइन से माइनस 9 है।

सबसे सेफ ये जिले

हेल्थ मैटिक्स ने लोगों की आवाजाही के आधार पर चुनिंदा जिलों को सेफ जोन में भी माना है। संक्रमण में दूसरे नंबर पर रहने वाला भोपाल भी इसमें शामिल हैं। भोपाल को माइनस 30 आवाजाही के कारण सेफ जोन (डार्क ग्रीन) में शामिल किया है। 9 लाइट ग्रीन जिलों को दूसरे नंबर पर सेफ जोन में रखा है। इनमें इंदौर, जबलपुर, ग्वालियर, श्योपुर, अनूपपुर, अलीराजपुर शामिल हैं।

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