शहरों में पुलिस प्रशासन सख्त, गांव में लोग खुद लगा रहे ‘जनता कर्फ्यू’

गांव के मुख्य रास्तों बंद कर हाथ से कंटेनमेंट लिखकर टांग दिया है….

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भोपाल। संक्रमण फैलने से रोकने शहर में पुलिस प्रशासन को सख्ती करनी पड़ रही है, फिर भी लोग कंटेनमेंट क्षेत्र (Containment Area) में घूमने से बाज नहीं आ रहे सड़कों पर पुलिस किसी को रोकती है, तो बहाना बनाकर बचने की कोशिश करते हैं। वहीं गांव में तस्वीर उलट है।

शहर से सटे चौपड़ाकला, लटेरी में संक्रमण बढ़ते ही ग्रामीणों ने खुद-ब-खुद कर्फ्यू (Janata curfew) लगा दिया, जबकि प्रशासन ने ग्रामीण क्षेत्रों में कर्फ्यू नहीं लगाया है। गांव के मुख्य रास्तों बंद कर हाथ से कंटेनमेंट लिखकर टांग दिया है। गांव वाले खुद 8-8 घंटे की शिफ्ट में ड्यूटी दे रहे हैं।

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मेडिकल स्टाफ को ही अंदर जाने की अनुमति

गांव में बाहरी लोगों का आवागमन बंद हो गया है। डॉक्टर या मेडिकल स्टाफ को ही अंदर जाने की अनुमति है। चौपड़ाकला में संक्रमण बढ़ते ही ग्राम विकास प्रस्फुटन समिति के अध्यक्ष टूमन अहिरवार, सचिव प्रेम नारायण, सरपंच सोहन सिंह, सोनू, गायत्री यादव, संतोष यादव खुद आगे आए और पंचायत कर अपने स्तर पर ही गांव में कर्फ्यू लागू कर दिया।

ये कर्फ्यू बाकायदा प्रशासन की तारीख के साथ चल रहा है। पूरी मॉनीरिंग समिति कर रही है। ग्राम कोटवार रामस्वरूप अहिरवार सुरक्षा का जिम्मा संभाले हुए हैं। लोग घर के बाहर जरूरी होने पर ही निकलते हैं, वे भी मास्क लगाकर।

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खुद लगाया कर्फ्यू

बढ़ते कोरोना संक्रमण को देखते हुए राजधानी के वार्ड 78 की पारस नगर कॉलोनी में मोहल्ला कर्फ्यू लगाया गया है। यहां कॉलोनी में बाहर से आने जाने वालों के लिए प्रवेश बंद कर दिया है। रहवासी दिनेश शर्मा एवं सुमित मिश्रा ने बताया कि कॉलोनी का कोई भी सदस्य जब तक अतिआवश्यक काम न हो बाहर नहीं जाता है। रोजाना ग्रुप के माध्यम से एक दूसरे सम्पर्क बनाकर एक दूसरे का हाल-चाल जानते से कॉलोनीवासी इजेशन भी खुद करा रहे हैं।

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