खर्च में विभागों के हाथ बांधे सरकार ने, खर्च सीमा तय

25 करोड़ से अधिक का भुगतान बिना कोषालय की अनुमति नहीं होगा

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भोपाल। राज्य के खजाने की हालत पहले से ही खराब है, और अब कोरोना वायरस ने सरकार को परेशानी में डाल दिया है। ऐसे में सरकार का फोकस इससे निपटने को लेकर है। इसके लिए बजट की विशेष व्यवस्था की गई है। जबकि अन्य खर्चों के लिए विभागों के हाथ बांध दिए हैं। यहां तक विभागों से कह दिया गया है कि 25 करोड़ रुपए से अधिक के खर्च के लिए कोषालय की अनुमति लेना जरूरी है।
राज्यपाल लाल जी टंडने हाल ही में लेखानुदान को हरीझंडी के बाद वित्त विभाग ने विभागों को राशि तय कर दी है। चार के लिए दी गई राशि उन्हें किश्तों में मिलेगी। वित्त विभाग द्वारा जारी गाइड लाइन में कहा गया है कि निर्माण विभाग और वन विभाग सहित केन्द्रीय सहायता प्राप्त योजना पर 100 करोड़ और शेष योजनाओं के लिए 25 करोड़ से अधिक की राशि विभाग खजाने से नहीं निकाल सकेंगे। यदि इससे ज्यादा खर्च की जरूरत है तो इसके लिए अनुमति लेना होगी। वहीं वेतन भत्ते, मजदूरी, छात्रवृत्ति, शिष्यवृत्ति, प्राकृतिक आपदा, कर्ज अदायगी को खर्च सीमा से मुक्त रखा गया है।
किसके लिए क्या व्यवस्था –

वित्त विभाग ने विभागों को केंद्र प्रवर्तित योजनाओं, केंद्रीय सहायता प्राप्त योजनाओं और मुक्त श्रेणी के खर्च के लिए बजट का 80 प्रतिशत और बाकी खर्च के लिए 50 प्रतिशत बजट जारी किया है। विभाग को विशेष परिस्थितियों में और खर्च की जरूरत है तो इसके लिए वित्त विभाग को प्रस्ताव भेजना होगा। परीक्षण के बाद वित्त विभाग जरूरत तय करेगा।
आठ विभागों को विशेष अनुमति –

सरकार ने आठ विभागों को विशेष व्यय सीमा में रखा है। इनमें लोक निर्माण, जल संसाधन, पंचायत एवं ग्रामीण विकास, नर्मदा घाटी विकास, लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी, अनुसूचित जनजाति, नगरीय विकास एवं आवास और चिकित्सा शिक्षा विभाग शामिल हैं। इन विभागों के लिए चार माह के लिए खर्च भी निर्धारित कर दिए गए हैं। वे इसी के तहत खर्च राशि खर्च कर सकेंगे।
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