पूर्व सरकार ने दी थी कर्मचारियों को सौगात
आपको याद हो कि, मध्य प्रदेश में ज्योतिरादित्य सिंधिया के कांग्रेस से इस्तीफे के बाद चले सियासी घमासान के बीच कमलनाथ सरकार ने प्रदेश के सरकारी कर्मचारियों के लिए 5 फीसदी महंगाई भत्ता (डीए) बढ़ाने का फैसला किया था। 16 मार्च 2020 को ही ये आदेश दिया गया था। आदेश के बाद सातवें वेतन आयोग का लाभ पाने वाले कर्मचारियों को 12 के बजाय 17 फीसदी और छठे वेतन आयोग का लाभ ले रहे कर्मचारियों को 11 के बजाय 16 फीसदी महंगाई भत्ता मिलना था। हालांकि, मौजूदा सरकार द्वारा महंगाई भत्ते पर रोक लगाने के बाद कर्मचारियों को मापदंड़ों के आधार पर ही महंगाई भत्ता दिया मिलेगा।
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कमलनाथ की प्रतिक्रिया
पूर्व सीएम कमलनाथ ने ट्वीट करते हुए कहा कि, हमारी सरकार ने प्रदेश के लाखों कर्मचारियों की मांग को पूरा करते हुए उनके हित में एक ऐतिहासिक फैसला लिया था। हमने शासकीय सेवकों और स्थाई कर्मियों के महंगाई भत्ते में 1 जुलाई 2019 से वृद्धि का फैसला किया था। छठे वेतनमान में 16 प्रतिशत और सातवें वेतनमान में 17 प्रतिशत महंगाई भत्ते की दर निर्धारित की थी। मार्च 2020 के वेतन में ये महंगाई भत्ता कर्मचारियों को मिलता। इस निर्णय का प्रदेश के लाखों कर्मचारियों ने स्वागत किया था।
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कर्मचारी विरोधी शिवराज
पूर्व सीएम कमलनाथ ने कहा- ‘शिवराज सरकार ने आते ही इस आदेश पर रोक लगाकर अपनी कर्मचारी विरोधी सोच को उजागर कर दिया है। मैं शिवराज सरकार से मांग करता हूं कि, वो तत्काल इस रोक को हटाए और कर्मचारियों के हित में हमारी सरकार का फैसला लागू करें।, वरना कांग्रेस इस तानाशाही पूर्ण फैसले का विरोध करेगी।