लापरवाह इंजीनियर-कर्मचारियों को वेतन काटने का नोटिस

शिकायत निवारण में नगर-निगम फिसड्डी: आमजन के परेशानियों पर था टालमटोल रवैया

<p>लापरवाह इंजीनियर-कर्मचारियों को वेतन काटने का नोटिस</p>
भोपाल. आमजन की शिकायतों को टालना नगर निगम के इंजीनियर और कर्मचारियों को भारी पड़ गया। निगमायुक्त केवीएस चौधरी ने गुरुवार को सीएम हेल्पलाइन में दर्ज शिकायतों के निराकरण की स्थिति को लेकर बैठक ली। बैठक में निगम के भवन अनुज्ञा से लेकर सिविल शाखा, आवारा पशु-सुअर पकडऩे वाली शाखा, जलकार्य, सफाई से जुड़ी शिकायतों को फुटबॉल की तरह यहां से वहां बढ़ाकर जिम्मेदारी से बचने की स्थिति सामने आई। इस पर निगमायुक्त ने 15 इंजीनियरों सहित 20 कर्मचारियां का वेतन काटने का निर्देश दिया।
निगमायुक्त ने स्पष्ट किया कि शिकायतों को यहां से वहां ट्रांसफर करना बंद करें। उन्होंने कहा कि इस बार तो मैं कोई बड़ी कार्रवाई नहीं कर रहा हूं, लेकिन स्थिति नहीं बदली तो फिर कड़े निर्णय लेने होंगे। जो कर्मचारी शिकायत निवारण करने से बच रहे हैं, वे कार्रवाई के लिए तैयार रहें। गौरतलब है कि प्रदेश के नगरीय निकायों को लेकर माह की हर 20 तारीख को सीएम हेल्पलाइन शिकायत निवारण रैंकिंग जारी होती है। इस बार की रैंकिंग में भोपाल नगर निगम आखिरी नंबर पर था। सबसे अधिक लंबित शिकायत भवन अनुज्ञा व सिविल शाखा की है।
इन दो उदाहरण से समझें लापरवाही
केस-1
शिकायत दर्ज, लेकिन कार्रवाई नही: इंडस चौराहा पर ही प्लॉट जोड़कर अनुमति के विपरित और अनुमति की समय सीमा खत्म होने के बावजूद निर्माण किया जा रहा है, इसे लेकर सीएम हेल्पलाइन में शिकायत दर्ज है, लेकिन कार्रवाई नहीं हुई।
केस-2
सिर्फ नोटिस जारी कर दिया: कोलार के अनुपम हॉस्पिटल के सामने कृषि भूमि पर विकसित शॉपिंग कॉम्प्लेक्स को लेकर तीन साल में 20 से अधिक शिकायत हुई, लेकिन कार्रवाई अब तक नहीं की गई। सिर्फ नोटिस जारी करने तक कार्रवाई सीमित रही। ठ्ठ भवन अनुज्ञा शाखा के 9 इंजीनियरों का एक दिन का वेतन काटने का नोटिस जारी किया गया।
सिविल शाखा के 6 इंजीनियरों का वेतन रोकने का नोटिस दिया।
जनसंपर्क में कार्यरत प्रेमनारायण तिवारी का एक दिन का वेतन काटा
पकडऩे की जिम्मेदारी वाली शाखा के आशीष तंबोले का भी वेतन काटा गया।
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