पीएचडी न कर पाए उम्मीदवारों को राहत, असिस्टेंट प्रोफेसर के लिए होंगे पात्र

आवेदन बुला चुके विश्वविद्यालयों को फिर से जारी करना होगा विज्ञापन

<p>पीएचडी न कर पाए उम्मीदवारों को राहत, असिस्टेंट प्रोफेसर के लिए होंगे पात्र</p>
भोपाल। पीएचडी न कर पाए उम्मीदवारों के लिए राहत की खबर है, अब ये बिना पीएचडी के भी असिस्टेंट प्रोफेसर के लिए पात्र होंगे। विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) ने हाल ही में इस संशोधन के साथ सभी विश्वविद्यालयों के कुलपतियों को निर्देश भेजे हैं। इससे उन उम्मीदवारों को लाभ होगा जो पीएचडी न होने के कारण आवेदन नहीं कर पा रहे थे। यूजीसी के निर्देश के बाद जो विश्वविद्यालय या शैक्षणिक संस्थान विज्ञापन जारी कर उम्मीदवारों के आवेदन बुला चुके थे, उन्हें अब फिर से प्रक्रिया शुरू होना होगी। यूजीसी के निर्देशों के तहत यह राहत कुछ समय के लिए है।
असल में विश्वविद्यालय अनुदान आयोग ने पूर्व में निर्देश दिए थे कि असिस्टेंट प्रोफेसर की नियुक्ति के लिए पीएचडी अनिवार्य होगी। इसी आधार पर नियुक्ति प्रक्रिया शुरू हो गई थी, लेकिन कोरोनाकाल के चलते कई लोग ऐसे रहे जो पीएचडी नहीं कर पाए। इस बीच विश्वविद्यालयों और शैक्षणिक संस्थानों ने विज्ञापन जारी कर दिए। यूजीसी की जानकारी में यह बात आने पर नियमों में छूट दी गई है।
जुलाई 23 तक रहेगी छूट –
बिना पीएचडी के असिस्टेंट प्रोफेसरों की नियुक्ति के मामले में यूजीसी ने जुलाई 2023 तक की छूट दी है। यानी इस बीच यदि शैक्षणिक संस्थान विज्ञापन जारी करते हैं तो इसमें पीएचडी की अनिवार्यता नहीं होगी।
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