असल में विश्वविद्यालय अनुदान आयोग ने पूर्व में निर्देश दिए थे कि असिस्टेंट प्रोफेसर की नियुक्ति के लिए पीएचडी अनिवार्य होगी। इसी आधार पर नियुक्ति प्रक्रिया शुरू हो गई थी, लेकिन कोरोनाकाल के चलते कई लोग ऐसे रहे जो पीएचडी नहीं कर पाए। इस बीच विश्वविद्यालयों और शैक्षणिक संस्थानों ने विज्ञापन जारी कर दिए। यूजीसी की जानकारी में यह बात आने पर नियमों में छूट दी गई है।
जुलाई 23 तक रहेगी छूट –
बिना पीएचडी के असिस्टेंट प्रोफेसरों की नियुक्ति के मामले में यूजीसी ने जुलाई 2023 तक की छूट दी है। यानी इस बीच यदि शैक्षणिक संस्थान विज्ञापन जारी करते हैं तो इसमें पीएचडी की अनिवार्यता नहीं होगी।
बिना पीएचडी के असिस्टेंट प्रोफेसरों की नियुक्ति के मामले में यूजीसी ने जुलाई 2023 तक की छूट दी है। यानी इस बीच यदि शैक्षणिक संस्थान विज्ञापन जारी करते हैं तो इसमें पीएचडी की अनिवार्यता नहीं होगी।