ओमप्रकाश सकलेचा का कहना है कि छोटे व्यापारियों और किसानों को हम कुछ न कुछ दे चुके हैं लेकिन किसान के बाद अगर बीत करें तो हमें रोजगार देने वाले उद्योग-धंधे पर भी ध्यान देना है। उनका कहना है कि बातचीत करने पर यह बात सामने आई है कि रोजगार के लिए व्यापारियों को बिजली का चार्ज प्रति यूनिट 12 से 14 रुपए पड़ता है। अगर इस चार्ज को हटा दिया जाए तो उन्हें आधे दाम पर बिजली मिल सकती है।
उन्होंने यह भी कहा कि हम ठेकेदारी प्रथा भी खत्म करने पर विचार कर रहे हैं, अगर ठेकेदारी प्रथा खत्म हो जाएगी तो छोटे उद्यमियों को 40 प्रतिशत कीबचत होगी। इससे श्रमिक और उद्यमियों दोनों को फायदा होगा। वहीं आने वाले दिनों में एमएसएमई के तहत 20 प्रतिशत अतिरिक्त लोन की सुविधा देने पर विचार किया जा रहा है। जिससे रोजगार शुरू करने के लिए किसी को भी परेशान न होना पड़े।