बता दें कि, मंच से सांसद प्रज्ञा ठाकुर ने कांग्रेस पर आरोप लगाते हुए कहा कि, पहले तो ये लोग हमें प्रताड़नाएं देते हैं, फिर हम जब पीड़ित होते हैं, तो ये हमारे गुमशुदा होने के पोस्टर लगाते हैं। ऐसे लोगों में संवेदनाएं जरा भी नहीं हैं। मैं ऐसे लोगों को लानत देती हूं। ऐसे लोग विधायक बनने के लायक नहीं। ये विधायक बनते हैं, अपने को हिंदू कहते हैं। लेकिन, ये संवेदना हीन हैं। शर्म आनी चाहिए ऐसे कांग्रेसियों को, शर्म आनी चाहिए ऐसे देशद्रोहियों को और मैं कहती हूं कि, इनके लिए भारत में जगह नहीं है। भारत में जो रहेगा, वो सिर्फ राष्ट्रभक्त रहेगा। जो राष्ट्र तोड़ेगा, वो हिंदू होकर राष्ट्रद्रोही कहलाया जाएगा।
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मंच छोड़कर चले गए विधायक
साध्वी प्रज्ञा ठाकुर के इस बयान का एक वीडियो भी सामने आया, जिसमें उन्होंने कांग्रेस विधायक पर तीखा प्रहार किया। उसी वीडियो में कांग्रेस विधायक पीसी शर्मा भी मंच के एक हिस्से में बैठे दिखाई दे रहे थे। साध्वी के बयानों को सुनकर नाराज हुए विधायक पीसी शर्मा मंच से उकर जाते दिखाई दिये। इस दौरान नजदीक बैठे बीजेपी नेता राहुल कौठारी ने उनका हाथ पकड़कर रोकने का प्रयास भी किया, लेकिन विधायक आयोजन छोड़कर वहां से चले गए।
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विधायक का पलटवार
शनिवार को कांग्रेस विधायक पीसी शर्मा ने अपने ट्विटर हैंडल से साध्वी प्रज्ञा के बयान पर पलटवार किया। उन्होंने लिखा कि, दशहरा के सार्वजनिक मंच से भाजपा सांसद द्वारा मां नर्मदा एवं उनके भक्तों पर की गई अनर्गल टिप्पणी, मां नर्मदा परिक्रमा करने वालों को पापी कहना,मां नर्मदा एवं नर्मदा परिक्रमा वासियों का अपमान है, ये वही सांसद हैं जो कोरोना काल में जब जनता को जरूरत थी तो मदद तो दूर, दिखाई तक नहीं दीं। एक अन्य ट्वीट करते हुए पी.सी ने लिखा कि, मध्य प्रदेश में जो कुछ भी है, सब नर्मदा मैया की देन है और यहां का कोई भी व्यक्ति मां नर्मदा का अपमान नहीं सह सकता। इसकी जितनी निंदा की जाए उतनी कम है। तीसरा ट्वीट करते हुए पीसी ने लिखा कि, हम तो ये मांग करेंगे कि, ये आतंकवाद की आरोपी हैं और मेडिकल के आधार पर जमानत पर है। फिर भी कबड्डी, ओर गरबा खेल रही है, माननीय न्यायालय को संज्ञान लेते हुए इनकी जमानत कैंसिल करना चाहिए और इनको इनके नियत स्थान पर भेजना चाहिए।