जानिए बजट में शिक्षा क्षेत्र को क्या क्या मिला…
प्रदेश में खुलेंगे सर्वसुविधा युक्त स्कूल- बजट पेश करते हुए वित्तमंत्री जगदीश देवड़ा ने बताया कि प्रदेश में सीएम राइज योजना संचालित की जाएगी। जिसके तहत प्रदेश के 9 हजार 200 विद्यालयों को सर्वसुविधायुक्त विद्यालयों के रूप में विकसित किया जाएगा। उन्होंने बताया कि हर बसाहट के 15 किलोमीटर के दायरे में एक ऐसा विद्यालय होगा जो कि सर्वसुविधायुक्त होगा। सीएम राइज योजना के पहले चरण में प्रदेश के 350 विद्यालयों का विकास किया जाएगा जिसके लिए साल 2021-22 में 1 हजार 500 करोड़ रुपए खर्च किए जाएंगे।
24 हजार 200 शिक्षकों की होगी भर्ती- प्रदेश के स्कूलों में शिक्षकों की कमी को दूर करने के लिए साल 2021-22 में लगभग 24 हजार 200 पदों पर शिक्षकों की भर्ती की जाएगी। इतना ही नहीं शिक्षा की गुणवत्ता सुधार के लिए भारत के प्रतिष्ठित संस्थान आईआईएम (IIM) इंदौर व आईआईटी (IIT) गांधीनगर में शिक्षकों को ट्रेनिंग भी दी जाएगी।
3 साल में ग्रामीण विद्यालयों का विद्युतीकरण- ग्रामीण इलाकों के स्कूलों को मिशन मोड पर लेकर आगामी तीन सालों में शत-प्रतिशत विद्युतीकरण किया जाएगा। इतना ही नहीं सभी हायर सेकेंडरी और हाई स्कूलों में आवश्यक फर्नीचर की पूर्ति भी आगामी तीन साल में करने का लक्ष्य रखा गया है। इसके लिए 319 करोड़ रुपए का प्रावधान सखा गया है।
अनुसूचित जनजाति कल्याण पर खास फोकस- वित्तमंत्री जगदीश देवड़ा ने कहा कि प्रदेश के अनुसूचित जनजाति वर्ग का कल्याण सरकार की प्राथमिकता है और जनजाति वर्ग को शिक्षा से जोड़ने पर सरकार विशेष फोकस कर रही है। इस हेतू कन्या साक्षरता योजना, आदिवासी बालिक विज्ञान योजना, विद्यार्थी कल्याण योजना, सैनिक स्कूल में प्रवेश, सिविल सेवा प्रोत्साहन योजना आदि योजनाएं सरकार की ओर से चलाई जा रही हैं।
आवासीय विद्यालयों कंप्यूटर लैब और एकलव्य विद्यालयों को CBSE में अपग्रेड करेंगे- वित्तमंत्री जगदीश देवड़ा ने कहा कि 33 विशिष्ट आवासीय विद्यालयों में सुसज्जित कंप्यूटर लैब तैयार किए गए हैं जिससे विद्यार्थियों को आधुनिक तकनीकी का प्रयोग कर सूचना प्रौद्योगिकी का ज्ञान हो सके। 24 कन्या परिसरों और 4 गुरुकुल आवासीय विद्यालयों को एकलव्य विद्यालय में अपग्रेड किया जाएगा और CBSE से संबंध किया जाएगा।
घर से स्कूल पहुंच सुविधा- विद्यार्थियों के लिए कक्षा 9वीं से 12वीं की शिक्षा सुलभ करने के उद्देश्य से उनके घर से विद्यालय तक परिवहन व्यवस्था पायलट प्रोजेक्ट पर शुरु की जाएगी। आगामी सत्र में इसे आठनेर जिला बैतूल, पाली जिला उमरिया, बिरसा जिला बालाघाट, झाबुआ जिला झाबुआ, धरमपुरी जिला धार में पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर लागू किया जाएगा।
आदिवासी जिलों में 38 प्री-प्रायमरी स्कूल खुलेंगे- जिन जिलों में बैगा, सहरिया, भारिया जनजाति समूह निवासरत हैं वहां 38 आश्रम शालाओं का प्रोजेक्ट है और यहां प्री-प्रायमरी कक्षाओं का संचालन किया जाएगा।इसके अलावा आदिवासी क्षेत्रों की बालिकाओं को उच्च स्तरीय शिक्षा सुविधा उपलब्ध कराने के लिए 65 आवासीय कन्या परिसर खोले जाएंगे जिनमें से 22 भवनों का निर्माण पूरा हो चुका है और शेष 43 भवनों का निर्माण शीघ्र पूरा कर लिया जाएगा।
शिक्षा एवं संबद्ध क्षेत्र की विभिन्न योजनाओं के लिए सरकार ने बजट 2021-22 में 40 हजार 958 करोड़ रुपए का प्रावधान किया है।