शराब ठेकेदार ने सरेंडर किए लाइसेंस, सरकार के सामने अब आई नई परेशानी

58 करोड़ की राशि वापस मांगी है।

<p>शराब ठेकेदार ने सरेंडर किए लाइसेंस, सरकार के सामने अब आई नई परेशानी</p>

भोपाल। मध्य प्रदेश के शराब ठेकेदारों ने सरकार का विकल्प मानने से इनकार कर दिया है। शुक्रवार को करीब 70% शराब दुकान संचालकों ने सरकार से अर्नेस्ट मनी के रूप में जमा की गई राशि वापस मांगने और लाइसेंस सरेंडर करने का आवेदन दे दिया है। इससे सरकार को दोबारा दुकानें नीलाम करने और ठेकेदारों की राशि वापस करने की समस्या खड़ी हो गई। हाईकोर्ट ने अपने आदेश में 3 दिन में नए विकल्प पर सहमति देने और ठेका संचालित करने पर ठेकेदारों द्वारा कार्रवाई न करने के आदेश दिए थे।


अर्नेस्ट मनी की मांग
भोपाल संगम इंटरप्राइजेज ने 22 करोड रुपए वापस मांगे हैं। भोपाल ग्रामीण में एल्कोहलिक प्राइवेट लिमिटेड सोम ग्रुप ने 19 करोड़ रुपए वापस मांगे हैं। उधर इंदौर में लिकर गैलरी एलएलपी ने शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों के लिए जमा अर्नेस्ट मनी के रूप में 58 करोड़ की राशि वापस मांगी है।

इन जिलों में नहीं चलाएंगे दुकाने
बताया जा रहा है कि शराब कारोबारी प्रदेश के कई जिलो में शराब दुकानें नहीं सचालित करना चाहते, जिनमेें कटनी, जबलपुर, छिंदवाड़ा, सिवनी, मंडला, नरसिंहपुर, इंदौर, सिंगरौली, देवास, उज्जैन, भोपाल, ग्वालियर, सतना, सागर, रीवा सहित अन्य जिलों में व्यापारियों ने अर्नेस्ट मनी के रूप में जमा 5% वापस राशि वापस मांगी है।


करीब 67% शराब व्यवसायियों ने दुकान लाइसेंस सरेंडर किए हैं। हम अब दुकानें संचालित नहीं करेंगे। न्यायालय द्वारा दिए गए आदेश के बाद ठेकेदारों ने यह कदम उठाया है।
जगदीश अरोरा, लिकर एसोसिएशन, मध्य प्रदेश

हाई कोर्ट के निर्देश के बाद हमने दुकानें संचालित नहीं करने का निर्णय लिया है। और अर्नेस्ट मनी के रूप में जमा की गई राशि आबकारी विभाग से वापस मांगी है।
हामिद खान, संगम ट्रेडर्स लिकर एसोसिएशन

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