कैदियों ने स्वास्थ्यकर्मियों के लिए तैयार की PPE किट, कोरोना के खिलाफ जंग में हुए शामिल

मध्यप्रदेश के जेलों में मौजूद कैदी डॉक्टर्स की मदद से कर रहे हैं स्वास्थ्यकर्मियों के लिए पीपीई किट और अप्रॉन तैयार

भोपाल/ देशभर में कोरोना वायरस के बढ़ते संक्रमण को लेकर हालात बिगड़ते जा रहे हैं। वहीं, इसका असर मध्य प्रदेश में भी देखने को मिल रहा है। एमपी में कोरोना संक्रमण से ग्रस्त अब तक 179 सामने आ चुके हैं। हालांकि, इस मुश्किल घड़ी में सरकार, प्रशासन के अलावा भी कई लोग इस वैश्विक महामारी से लड़ने का अपने तरीके से प्रयास कर रहे हैं। कुछ लोग गरीब असहायों में खाना बांट रहे हैं, तो कुछ लोग इस संक्रमण से मुक्त रखने के लिए लोगों में मुफ्त मास्क और सैनिटाइजर बांट रहे हैं। इन्हीं में से कुछ सहायता मध्यप्रदेश के जेलों में मौजूद कैदी कर रहे हैं।

 

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दरअसल, मध्यप्रदेश के जिला जेल बैतूल में कैद कैदियों ने स्वास्थ्यकर्मियों के लिए मदद का हाथ बढ़ाया है। जी हां, जिला जेल में बंद कैदी स्वास्थ्यकर्मियों के लिए पर्सनल प्रोटेक्टिव इक्विपमेंट (PPE)और प्लास्टिक एप्रिन बना रहे हैं। क्योंकि कोरोना संक्रमण के इस खतरनाक दौर में स्वास्थ्यकर्मी (PPE) किट की कमी है। पूरे प्रदेश में यह किट सिर्फ 15637 है और बैतूल जिला अस्पताल में अब यह किट सिर्फ 33 ही बची हैं। इसलिए इस कमी से जूझते हमारे स्वास्थ्यकर्मियों के लिए जेल बंद कैदी किट बनाकर सहायत के लिए आगे आए हैं।

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जेल में तैयार की जा रही है किट

जेल के अंदर तैयार हो रही किट जिला जेल में पीपीई किटों का निर्माण बंदियों द्वारा किया जा रहा है। किट बनाने के लिए कच्चा माल जैसे प्लास्टिक कवर, कपड़ा, धागा आदि जिला अस्पताल द्वारा मुहैया कराया गया है। बंदियों द्वारा एक दिन में पंद्रह से बीस किटो का निर्माण किया जा रहा है। प्रति किट में सिलाई की लागत 30 रुपए ली जा रही है बताया गया कि इससे पहले जिला जेल में बंदियों द्वारा मास्क का निर्माण भी किया जा रहा था। बड़ी संख्या में जेल में बंदियों द्वारा मास्क बनाए गए थे। जिन्हें सरकारी विभागों में कर्मचारियों की सुरक्षा के लिए सप्लाई किया गया था।

मात्र 150 रुपए में बनकर तैयार हुई PPE किट

कोरोना संक्रमित मरीजों के इलाज के लिए इस्तेमाल की जाने वाली पीपीई किट को डॉक्टर्स द्वारा सिर्फ 150 रुपए में कराया गया है। जबकि इस किट का सरकारी रेट 1260 रुपए है। इस किट को बनाने में 120 रुपए सामग्री और 30 रुपए सिलाई पर खर्च आया है। जिला अस्पताल को 35 किट तैयार होकर मिल चुकी हैं। इस किट में फुट कवर, बॉडी कवर गाउन, प्लास्टिक एप्रॉन कवर शामिल है। स्वास्थ्य विभाग द्वारा 150 पीपीई किट बनने के आर्डर दिए गए हैं। बताया गया कि सांसद निधि से इन पीपीई किटों का निर्माण कराया जा रहा है। यह किट जिला अस्पताल के अलावा एयर फोर्स, डब्ल्यूसीएल सहित निजी अस्पतालों को भी दिए जाएंगे।

 

मध्य प्रदेश की अन्य जेलों में मास्क भी बना रहे हैं कैदी

मध्य प्रदेश की जेलों में बंद कैदी भी प्रदेश में रह रहे लोगों की फिक्र करते हुए जेलों में रहकर मास्क बना रहे हैं। ये कैदी हर रोज 44000 वॉशेबल मास्क तैयार कर रहे हैं, ताकि लोगों को इसकी कमी न आए और जितना हो सके लोग संक्रमण से बच सकें। इन मास्क को अस्पतालों के साथ पुलिस और दूसरे सरकारी विभागों में सप्लाई किया जा रहा है। एक मास्क की कीमत 10 रुपए बताई जा रही है। ये मास्क कॉटन का है और इसे धोकर दोबारा इस्तेमाल किया जा सकता है। जेलों में बंद महिला कैदियों से सबसे ज्यादा मास्क बनवाने का कार्य कराया जा रहा है।

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