मुलाकात के सियासी मायने
एमपी में कैबिनेट विस्तार को लेकर कई तरह की अटकलें लगाई जा रही हैं। तारीख पर तारीख के बाद भी शिवराज कैबिनेट को लेकर अभी कोई फैसला नहीं हो पाया है। नरोत्तम मिश्रा की छवि संकटमोचक के तौर पर हैं। जबक भी पार्टी में किसी भी तरह की समस्या आती है नरोत्तम मिश्रा सबसे पहले सामने आते हैं। नरोत्तम मिश्रा, शिवराज सरकार में नंबर दो की हैसियत रखते हैं। नरोत्तम एमपी बीजेपी के उन नेताओं में से हैं, जो पार्टी को हर मुश्किल वक्त से निकालना जानते हैं। ऑपरेशन लोट्स के दौरान भी नरोत्तम विरोधियों के निशाने पर थे।
एमपी में कैबिनेट विस्तार को लेकर कई तरह की अटकलें लगाई जा रही हैं। तारीख पर तारीख के बाद भी शिवराज कैबिनेट को लेकर अभी कोई फैसला नहीं हो पाया है। नरोत्तम मिश्रा की छवि संकटमोचक के तौर पर हैं। जबक भी पार्टी में किसी भी तरह की समस्या आती है नरोत्तम मिश्रा सबसे पहले सामने आते हैं। नरोत्तम मिश्रा, शिवराज सरकार में नंबर दो की हैसियत रखते हैं। नरोत्तम एमपी बीजेपी के उन नेताओं में से हैं, जो पार्टी को हर मुश्किल वक्त से निकालना जानते हैं। ऑपरेशन लोट्स के दौरान भी नरोत्तम विरोधियों के निशाने पर थे।
क्यों पहुंचे शिवराज
कयास लगाए जा रहे हैं कि प्रदेश में कैबिनेट विस्तार को लेकर जो परिस्थिति बनी है, शायद सीएम उसी पर चर्चा के लिए गए थे। इसके साथ ही बंद कमरे में दोनों नेताओं के बीच उपचुनाव और राज्यसभा की रणनीति पर भी चर्चा हुई है। हालांकि मुलाकात के बाद सीएम शिवराज सिंह चौहान ने इसे सामान्य मुलाकात ही बताया है। लेकिन जिस तरीके से सीएम सीएम मंत्री घर पहुंचे हैं, उससे लगता नहीं है कि यह सामान्य मुलाकात है।
कैबिनेट में कहां फंस रहा पेंच
दरअसल, कैबिनेट विस्तार में कई रोड़े हैं और कई चर्चाएं भी चल रही हैं। एक तो सिंधिया समर्थकों के आने के बाद से अपने बड़े नेताओं को कैबिनेट में एडजस्ट करना शिवराज के लिए मुश्किल साबित हो रहा है। ऐसे में कई दिग्गज नेताओं ने प्रेशर गेम शुरू कर दिया है। कुछ दिन पहले बीजेपी के कुछ दिग्गज नेताओं ने शिवराज सिंह चौहान से मुलाकात भी की थी। ऐसे में पार्टी को डर है कि उपचुनाव में ये बगावत कहीं भारी न पड़ जाए।
दरअसल, कैबिनेट विस्तार में कई रोड़े हैं और कई चर्चाएं भी चल रही हैं। एक तो सिंधिया समर्थकों के आने के बाद से अपने बड़े नेताओं को कैबिनेट में एडजस्ट करना शिवराज के लिए मुश्किल साबित हो रहा है। ऐसे में कई दिग्गज नेताओं ने प्रेशर गेम शुरू कर दिया है। कुछ दिन पहले बीजेपी के कुछ दिग्गज नेताओं ने शिवराज सिंह चौहान से मुलाकात भी की थी। ऐसे में पार्टी को डर है कि उपचुनाव में ये बगावत कहीं भारी न पड़ जाए।