कोरोना काल में बाहर निकला मतदाता, तो क्या ये है 28 सीटों पर वोटिंग बढ़ने का एक अहम कारण

2018 के मुकाबले में इन 28 सीटों में कम वोटिंग हुई है।

<p>कोरोना काल में बाहर निकला मतदाता, तो क्या ये है 28 सीटों पर वोटिंग बढ़ने का एक अहम कारण</p>

भोपाल. मध्यप्रदेश की 28 सीटों पर उपचुनाव के लिए वोटिंग हो चुकी है। कोरोना काल में प्रदेश में बंपर वोटिंग हुई है। छिटपुट घटनाओं के बीच प्रदेश की 28 सीटों पर 69.93 प्रतिशत मतदाताओं ने वोट डाले। हालांकि 2018 के चुनाव में इन 28 सीटों पर 73.39 पीसदी वोटिंग हुई थी। कोरोना के कारण कम वोटिंग का अनुमान था लेकिन उसके बाद भी 28 सीटों की जनता ने कोरोना के बीच बाहर निकलकर बंपर वोटिंग की।
बढ़ा मतदान बदलेगा समीकरण
उज्जैन संभाग में मालवा की तीन अहम सीटों सुवासरा, आगर एवं हाटपीपल्या में कोरोनाकाल में पूर्वानुमानों से ज्यादा मतदान हुआ है। जानकारों की माने तो मतदान बढऩे का बड़ा कारण वे लोग हैं जो कार्य के लिए बाहर चले जाते है, लेकिन इस वर्ष कोरोना के कारण नहीं जाए पाए। ऐसे लोगों ने भी इस बार मतदान किया है, इससे आंकड़ा बढ़ गया है। इससे समीकरण भी बदल सकते है, क्योंकि 70 फीसदी से ज्यादा मतदान को बदलाव वाला माना जाता है। जनता का मानस या तो बंपर तौर पर सत्तापक्ष के साथ जाएगा या विपक्ष को भी मजबूत कर सकता है, बहरहाल आंकड़ों को भाजपा और कांग्रेस अपने अपने पक्ष में बता रहे हैं।
हाटपीपल्या में करीब 86.66 प्रतिशत मतदान हुआ है। वहीं, सुवासरा में 82.61 प्रतिशत तो आगर में 83.75 प्रतिशत मतदाताओं ने अपने मताधिकार का प्रयोग किया है। निर्वाचन आयोग के मुताबिक, रात करीब 7 बजे तक मतदान जारी रहा। इसके बाद मतदान दलों ने कड़ी सुरक्षा के बीच ईवीएम को निर्धारित केन्द्रों पर पहुंचाने का कार्य शुरू कर दिया है। बीते विधानसभा चुनाव की अपेक्षा उपचुनाव में मतदान का प्रतिशत बढ़ा है। कोरोना गाइडलाइन के पालन के साथ ही पहली बार लोगों ने सोशल डिस्टेंस और मास्क व गमछा बांधकर मतदान किया।
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