मौसम विभाग ने एक साथ जारी किया रेड ओरेंड और येलो अलर्ट

प्रदेश के 6 जिलों में रेड अलर्ट 7 जिलों में ओरेंज 6 जिलों में येलो अलर्ट, 24 घंटों में कम दबाब के क्षेत्र में बदल जाएगा सिस्टम

भोपाल. मौसम विभाग ने मध्य प्रदेश के 6 जिलों में रेड अलर्ट 7 जिलों में ओरेंज 6 जिलों में येलो अलर्ट कर भारी बारिश की चेतावनी दी है। अनुमान के अनुसार 24 घंटों में कम दबाब के क्षेत्र में बदल सिस्टम जाएगा।मानसून सीजन का पहला डिप्रेशन छत्तीसगढ़ व मप्र की सीमा पर बना हुआ है, जो बुधवार को प्रदेश में आ जाएगा।

मौसम विभाग ने 24 घंटों में प्रदेश के उमरिया, शहडोल, अनूपपुर, डिंडौरी, मंडला ब बालाघाट जिलों में कहीं-कहीं अति भारी से अत्यधिक भारी वर्षा की संभावना जताते हुए रेड तो 7 जिलों में आरेंज अलर्ट जारी किया है। मौसम विशेषज्ञों का कहना है कि डिप्रेशन वर्तमान में उत्तरी छत्तीसगढ़ व आसपास है, जो बुधवार सुबह तक उत्तर पूर्वी मप्र और आसपास के इलाके में पहुंच जाएगा।

इस दौरान इसकी ताकत में भी कमी आएगी। यह डिप्रेशन से बेल मार्क लो या ताकतवर कम उत्तर-पश्चिम-उत्तर दिशा में आगे बढ़ेगा। शहडोल के आसपास होते हुए छतरपुर, शिवपुरी, राजस्थान व इससे लगे गुजरात की ओर जाएगा।

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बता दें कि पिछले सात दिनों से राजस्थान व प्रदेश की सीमा पर मौजूद पहला कम दबाब का क्षेत्र वर्तमान में गुजरात की पूर्वी सीमा पर मौजूद है। सोमवार से मंगलवार सुबह तक होशंगाबाद में दो, भोपाल में एक, सीधी में पौन, बालाघाट में आधा इंच बारिश हुई। छिंदवाड़ा, उमरिया, रीवा में 4-4, सतना में 5, रतलाम में 7 मिमी बारिश दर्ज हुई। मंगलवार शाम तक इंदौर में पौन, धार में आधा इंच से अधिक तो सीधी व रतलाम में आधा इंच बारिश हुई। सतना, दमोह में 8-8, खजुराहो, मंडला, ग्वालियर में 6-6, बैतूल, रीवा में 5-5, रायसेन में 4 व दबाव के क्षेत्र में परिवर्तित होकर सागर में दो मिमी बारिश दर्ज हुई।

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प्रदेश के ज्यादातर बांध 70 से 80
जल संसाधन मंत्री तुलसीराम सिलावट ने कहा कि प्रदेश के अधिकतर डैम क्षमता के 80 प्रतिशत और कुछ डैम 70 प्रतिशत तक भर चुके हैं। अभी भी प्रदेश के कई क्षेत्रों में वर्षा से पानी भराव लगातार जारी है। इससे किसानों को रबी की फसल के लिए पर्याप्त पानी उपलब्ध हो सकेगा। नवीन सिंचाई परियोजना के टेंडर करने से पहले संबंधित क्षेत्र में सिंचाई की आवश्यकताओं का ध्यान रखा जाए। सिलावट ने मंगलवार को भोपाल में प्रमुख अभियंता ऑफिस पहुंचकर विभागीय गतिविधियों की समीक्षा की।

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