उल्लेखनीय है कि अतिथि विद्वानों को दोबारा नौकरी देने की प्रक्रिया में नए आवेदकों को मौका नहीं देने से विरोध शुरू हो गया था। बेरोजगार एवं पात्र आवेदकों ने विभाग को दिए आवेदन में मांग रखी थी कि उन्हें भी प्रक्रिया में शामिल किया जाना चाहिए। मुख्यमंत्री कमलनाथ के निर्देश के बाद उच्च शिक्षा मंत्री जीतू पटवारी ने प्रक्रिया में संशोधन करवाकर नए आवेदकों को अतिथि विद्वान बनने का रास्ता साफ कर दिया है।
इधर शाहजहांनी पार्क में अतिथि विद्वानों का आंदोलन गुरुवार को भी जारी रहा। अतिथि विद्वानों को 15 दिन अनुपस्थित रहने के बाद प्राचार्यों की ओर से सेवा समाप्ति के नोटिस भेजे जा रहे हैं बावजूद आंदोलनरत कर्मचारी शहर से लौटने का नाम तक नहीं ले रहे हैं। उच्च शिक्षा मंत्री ने साफ किया है कि कांग्रेस ने अपने वचनपत्र में अतिथियों को नियमित करने का नहीं, बल्कि पद पर बनाए रखने का वादा किया था। सरकार इसके लिए 1300 नए पद स्वीकृत करने की कार्रवाई पूरी कर चुकी है। अतिथि विद्वान जिन जिलों में नोकरी कर रहे हैं वहां यदि पीएससी चयनित उम्मीदवारों को नियमित सेवाएं देने ज्वाइन करवा दिया गया है तो अतिथि उम्मीदवारों को किसी दूसरी जगह पर नौकरी पर रखा जाएगा।