पूर्व मंत्री और कांग्रेस विधायक कमलेश्वर पटेल ने जारी बयान में कहा कि कांग्रेस की ओर से पेश हुए वकील इंदिरा जयसिंह और अभिषेक मनु सिंघवी ने मामले की जोरदार पैरवी की। पटेल ने बताया कि शिवराज सरकार पिछले 17 महीने से जानबूझकर कमलनाथ सरकार द्वारा ओबीसी को दिए गए 27 प्रतिशत आरक्षण को लागू करने से रोके रखा। उसके महाधिवक्ता को अदालत के फैसले को समझने में 17 महीने लग गए। उन विभागों में भी आरक्षण नहीं दिया गया, जिन पर हाईकोर्ट में कोई रोक नहीं लगाई थी। अदालत के आज के सुनवाई के बाद यह स्पष्ट है कि प्रदेश में पीजी नीट, शिक्षक भर्ती को छोड़कर बाकी विभागों में ओबीसी को 27 प्रतिशत आरक्षण का फैसला ज्यों के त्यों लागू है।
भ्रमित कर रहे हैं भूपेन्द्र सिंह –
पटेल ने कहा कि मध्य प्रदेश सरकार के मंत्री भूपेंद्र सिंह बार-बार जनता को भ्रमित करने की कोशिश करते हैं कि शिवराज सिंह चौहान ने आरक्षण दिया है। शिवराज सरकार ने जानबूझकर हाईकोर्ट के आदेश की गलत व्याख्या करके सभी पदों पर 27 फीसदी आरक्षण के आधार पर भर्तियां नहीं होने दी। इस पूरी अवधि के दौरान जो लोग सरकारी नौकरी और पढ़ाई में प्रवेश पाने से वंचित रह गए ओबीसी वर्ग के उन सभी युवाओं से शिवराज को माफी मांगनी चाहिए।
पटेल ने कहा कि मध्य प्रदेश सरकार के मंत्री भूपेंद्र सिंह बार-बार जनता को भ्रमित करने की कोशिश करते हैं कि शिवराज सिंह चौहान ने आरक्षण दिया है। शिवराज सरकार ने जानबूझकर हाईकोर्ट के आदेश की गलत व्याख्या करके सभी पदों पर 27 फीसदी आरक्षण के आधार पर भर्तियां नहीं होने दी। इस पूरी अवधि के दौरान जो लोग सरकारी नौकरी और पढ़ाई में प्रवेश पाने से वंचित रह गए ओबीसी वर्ग के उन सभी युवाओं से शिवराज को माफी मांगनी चाहिए।