प्रदेश के सातों शासकीय आयुर्वेद कॉलेजों की मान्यता खतरे में

सीसीआईएम के मानदण्ड नहीं हो रहे पूरे

<p>आयुर्वेद</p>

राजधानी भोपाल के पंडित खुशीलाल आयुर्वेद महाविद्यालय समेत जबलपुर, ग्वालियर, रीवा, इंदौर, उज्जैन, बुरहानपुर के सरकारी आयुर्वेद कॉलेजों की मान्यताओं पर संकट मंडराने लगा है। दरअसल, बुरहानपुर को छोड़कर बाकी के आयुर्वेद कॉलेजों में अब बीएएमएस की सीटें 75 हो गई हैं।

वहीं सीसीआईएम के द्वारा निर्धारित मापदंडों के अनुसार 61 से 100 बीएएमएस सीटों के लिए 14 विभागों में 17 लेक्चरर, 14 एसोसिएट प्रोफेसर एवं 14 प्रोफेसर अनिवार्य हैं। लेकिन स्थिति यह है कि कई काॉलेजों में प्रोफेसरों की कमी है। यही नहीं अगदतंत्र (टॉक्सिकोलॉजी) व कौमारभृत्य (पीडियाट्रिक्स) विभाग में प्रोफेसर का पद ही नहीं है। प्रदेश में लगभग 188 पद रिक्त हैं। इसकी वजह से सत्र 2020-21 की मान्यता पर सवाल खड़े हो रहे हैं। मालूम हो कि फ रवरी में प्रदेश में सेंट्रल काउंसिल ऑफ इंडियन मेडिसिन नई दिल्ली (सीसीआईएम) निरीक्षण करेगा।

शासकीय आयुर्वेद कॉलेज बुरहानपुर में सीटें तो 50 हैं परंतु यहां भी 15 पद रिक्त हैं। इस प्रकार प्रदेश के सभी शासकीय आयुर्वेद कॉलेजों की मान्यतायें खतरे में हैं।


व्याख्याता के 78 पद हैं, लेकिन संचालनालय आयुष ने इन लेक्चरर के पदों पर मेडिकल ऑफ ीसर्स को अटैच किया गया है जबकि प्रदेश के सैकड़ों एमडी योग्यताधारी भटक रहे हैं। – डॉ राकेश पाण्डेय, राष्ट्रीय प्रवक्ता , आयुष मेडिकल एसोसिएशन

अवैध मदरसों के खिलाफ चलेगी मुहिम, 31 तक होगा पंजीयन

जिले में संचालित अवैध मदरसों के खिलाफ जल्द ही प्रशासन बड़े स्तर पर अभियान शुरू करेगा। अवैध तरीके से संचालित होने वाले मदरसों में बच्चें के साथ हो रहे अत्याचार की मिली शिकायतों के बाद ये फैसला लिया गया है। जिला प्रशासन एवं शिक्षा विभाग ने मदरसों के संचालकों को अपना ऑन लाइन रजिस्ट्रेशन कराने के निर्देश दिए हैं। शिक्षा सत्र 2020-21 के लिये नवीन मदरसों का पंजीयन और समिति का पंजीयन 10 जनवरी से प्रारंभ हो चुका है। पंजीयन की अंतिम तिथि 31 जनवरी निर्धारित की गई है। एमपी ऑनलाइन के पोर्टल सेवा केन्द्रों पर 31 जनवरी तक ऑनलाइन आवेदन किए जा सकते हैं।

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