क्या कहा कमलनाथ ने
पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने एग्जिट पोल पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा- मुझे मध्यप्रदेश की जनता पर पूरा विश्वास व भरोसा है। 10 नवंबर को प्रदेश में कांग्रेस का परचम हर हाल में लहरायेगा। हमने 2018 में भी कई एग्ज़िट पोल देखे थे और परिणाम प्रदेश की जनता ने ख़ुद देखा था। उन एग्ज़िट पोल की वास्तविकता की गवाह प्रदेश की जनता ख़ुद है।
पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने एग्जिट पोल पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा- मुझे मध्यप्रदेश की जनता पर पूरा विश्वास व भरोसा है। 10 नवंबर को प्रदेश में कांग्रेस का परचम हर हाल में लहरायेगा। हमने 2018 में भी कई एग्ज़िट पोल देखे थे और परिणाम प्रदेश की जनता ने ख़ुद देखा था। उन एग्ज़िट पोल की वास्तविकता की गवाह प्रदेश की जनता ख़ुद है।
भाजपा को कितनी सीटें
एग्जिट पोल के अनुसार भाजपा 16 से 18 सीटें जीत सकती है, जबकि कांग्रेस के खाते में 10 से 13 सीटें मिलने का अनुमान है। जबकि एक सीट बसपा के खाते में जा रही है। हालांकि ज्यादातर एग्जिट पोल में यह दिखाया गया है कि ज्योतिरादित्य सिंधिया के गढ़ ग्वालियर-चंबल में भाजपा पिछड़ती नजर आ रही है। चंबल की 7 सीटों में कांग्रेस के खाते में 4 सीटें मिल सकती हैं, जबकि भाजपा के खाते में 2 सीटें जाने का अनुमान है। वहीं, ग्वालियर में भी इस बार कांटे की लड़ाई दिखाई दिखाई दे रही है। भाजपा को 4 तो कांग्रेस को 5 सीटें मिलती दिख रही हैं, जबकि मालवा क्षेत्र में भाजपा आगे है।
एग्जिट पोल के अनुसार भाजपा 16 से 18 सीटें जीत सकती है, जबकि कांग्रेस के खाते में 10 से 13 सीटें मिलने का अनुमान है। जबकि एक सीट बसपा के खाते में जा रही है। हालांकि ज्यादातर एग्जिट पोल में यह दिखाया गया है कि ज्योतिरादित्य सिंधिया के गढ़ ग्वालियर-चंबल में भाजपा पिछड़ती नजर आ रही है। चंबल की 7 सीटों में कांग्रेस के खाते में 4 सीटें मिल सकती हैं, जबकि भाजपा के खाते में 2 सीटें जाने का अनुमान है। वहीं, ग्वालियर में भी इस बार कांटे की लड़ाई दिखाई दिखाई दे रही है। भाजपा को 4 तो कांग्रेस को 5 सीटें मिलती दिख रही हैं, जबकि मालवा क्षेत्र में भाजपा आगे है।
मध्य प्रदेश का उपचुनाव इसलिए भी मायने रखता है कि चुनावों में ही तय होगा कि मध्य प्रदेश में किसकी सरकार रहेगी। शिवराज सिंह चौहान मुख्यमंत्री बने रहेंगे या फिर कमलनाथ की ताजपोशी एक बार फिर होगी। इन सबके बीच सबसे बड़ी प्रतिष्ठा दांव पर लगी है ज्योतिरादित्य सिंधिया की। राजनीतिक जानकारों का कहना है कि यह ज्योतिरादित्य सिंधिया के सियासी जीवन की सबसे बड़ी लड़ाई है और अगर मध्य प्रदेश में भाजपा की सरकार बनी रहती है तो ज्योतिरादित्य सिंधिया का कद मध्य प्रदेश की सियासत और भाजपा दोनों में ही बढ़ेगा। हालांकि दोनों ही पार्टियों ने दावा किया है कि मध्य प्रदेश की सभी 28 सीटें हम जीतेंगे।
भाजपा का दावा है कि प्रदेश में 15 महीने की कमलनाथ सरकार ने जो वादाखिलाफी की है जनता ने उसके खिलाफ वोट किया है और 10 नवंबर को प्रदेश की 28 सीटों पर भाजपा की जीत होगी। वहीं, दूसरी तरफ कांग्रेस का भी यही दावा है कि जिस तरह से जनता के जनमत का सौदा किया गया है। जनता उससे नाराज है 10 नवंबर को प्रदेश की 28 सीटों पर कांग्रेस की जीत होगी।