पुलिस आरक्षक भर्ती परीक्षा घोटाले के चार आरोपियों को 7-7 साल की सजा

कोर्ट ने सुनाया फैसला

भोपाल.व्यापम में वर्ष 2012 के दौरान हुए पुलिस आरक्षक भर्ती परीक्षा घोटाले के मामले में अदालत ने परीक्षार्थी ओके यादव, पुष्पेंद्र सिह, मनोज कुशवाहा और स्कोरर श्रीनिवास सिंघल को 7-7 साल के कारावास और जुर्माने की सजा सुनाई है। कोर्ट ने साक्ष्य के अभाव में पांच दलालों को दोष मुक्त कर दिया।
व्यापम के मामलों के लिए गठित विशेष अदालत के न्यायाधीश नीति राज सिंह सिसोदिया ने बुधवार को यह फैसला सुनाया। परीक्षा में दलालों के मार्फत पैसे देकर स्कोरर बिठाकर परीक्षा पास कराई गई थी। सीबीआई के वकील सुशील कुमार पांडे ने बताया कि मामले में करीब 60 गवाहों के बयान दर्ज हुए। दलाल अजय शाक्य, मोहम्मद इकरार, आशीष उर्फ़ देव दत्त शर्मा, आलोक शर्मा ने परीक्षार्थियों से पैसे लेकर स्कोरर बैठाए थे। हालांकि कोर्ट ने साक्ष्य के अभाव में पांचों को दोष मुक्त कर दिया।
मिठाई की दुकान में काम करने वाले युवक ने की आत्महत्या

शहर के एमपी नगर स्थित बीकानेर स्वीट्स के एक कर्मचारी ने फांसी लगाकर खुदकुशी कर ली। सुसाइड नोट नहीं मिलने से खुदकुशी के कारणों का खुलासा नहीं हो सका है। इस मामले में पुलिस ने मर्ग कायम कर जांच शुरु कर दी है।
एमपी नगर पुलिस के अनुसार 27 वर्षीय गणेश सिंह पुत्र शंकर सिंह परिहार पृथ्वीपुर जिला निवाड़ी का निवासी था। वह एमपी नगर जोन-1 स्थित बीकानेर स्वीट्स में काम करता था। दुकान के पास ही स्थित एक कमरे में साथी कर्मचारियों के साथ रहता था। मंगलवार को वह काम पर नहीं गया था। दोपहर करीब तीन बजे तक जब वह दुकान नहीं पहुंचा, तो साथी उसे चेक करने के लिए पहुुचे थे। जहां उन्होंने कमरे में पंखे पर बने फांसी के फंदे पर गणेश को लटका देखा था। जिसके बाद में मालिक और पुलिस को सूचना दी गई। सूचना पर पहुंची पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है। बुधवार को परिजनों की मौजूदगी में शव का पीएम कराया गया। पुलिस को घटना स्थल से कोई सुसाइड नोट नहीं मिला है। पुलिस का कहना है कि मामले की जांच की जा रही है।
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