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कोरोना वायरस के कारण लॉकडाउन से परेशान लोगों के लिए श्रम मंत्रालय का यह फैसला बहुत ही राहत भरा है। क्रियान्वयन के संबंध में जारी अधिसूचना के अनुसार अधिसूचना में तीन महीने के मूल वेतन और महंगाई भत्ता या ईपीएफ खाते में पड़ी 75 प्रतिशत राशि जो भी कम हो, उसे निकालने की अनुमति दी गई है। इस राशि को लौटाने की जरूरत नहीं होगी।
हर कर्मचारी उठा सकता है योजना का लाभ
कोरोना वायरस को महामारी घोषित कर दिया गया है और इसीलिए ईपीएफ योजना के दायरे में आने वाले देश भर में कारखानों और विभिन्न प्रतिष्ठानों में काम करने वाले कर्मचारी इस राशि को निकालने के लिये पात्र हैं। इसके लिये ईपीएफ योजना, 1952 के पैरा 68 एल के उप-पैरा (3) को जोड़ा गया है। संशोधित कर्मचारी भविष्य निधि कोष (संशोधन) योजना, 2020, 28 मार्च से अमल में आया है।
ऑनलाइन भर सकते हैं फॉर्म
कोरोना वायरस संकट के लिये ऑनलाइन दावा फॉर्म भरने की सुविधा शनिवार को चालू कर दी गयी। EPFO की सूचना प्रौद्योगिकी इकाई ने हमारे केंद्रीकृत सर्वर के जरिये दावों के खुद से निपटान की प्रणाली तैयार की है। यह सुविधा उन सदस्यों के लिये है जिन्होंने के केवाईसी नियमों का अनुपालन कर रखा है। इसके अलावा इस व्यवस्था में दावों का निपटान तीन दिनों के अंदर हो जाएगा।