बताया जा रहा है कि सरकार ने माली हालत खस्ता होने का हवाला देते हुए ये निर्णय लिया है। गौरतलब है कि अबतक मध्य प्रदेश में कर्मचारियों और पेंशनर्स को 12 प्रतिशत डीए मिलता है, जिसे कमलनाथ सरकार ने बढ़ाकर 17 प्रतिशत करने का फैसला लिया था।
लेकिन अब शिवराज सरकार ने इस फैसले को पलट दिया है। वित्त विभाग ने इसे लेकर आदेश भी जारी कर दिया है। बताया जा रहा है कि इस फैसले को खारीज करने से 15 लाख कर्मचारियों और पेंशनर्स का फर्क पड़ेगा।
लेकिन अब शिवराज सरकार ने इस फैसले को पलट दिया है। वित्त विभाग ने इसे लेकर आदेश भी जारिए कर दिए हैं। बताया जा रहा है कि इस फैसले को खारीज करने से 15 लाख कर्मचारियों और पेंशनर्स का फर्क पड़ेगा।
गौरतलब है कि सियासी संकट के बीच कमलनाथ सरकार ने 15 मार्च को कैबिनेट की बैठक की थी। उसी बैठक में फैसला लिया गया था कि कर्मचारियों और पेंशनर्स को महंगाई भत्ता 17 प्रतिशत दिया जाएगा। इस फैसले को 1 अप्रैल से लागू करना था लेकिन शिवराज सरकार ने इस फैसले को पलट दिया।
तत्काल रोक हटाए शिवराज सरकार: कमलनाथ हमारी सरकार ने प्रदेश के लाखों कर्मचारियों की मांग को पूरा करते हुए उनके हित में एक ऐतिहासिक फ़ैसला लिया था। इस निर्णय का प्रदेश के लाखों कर्मचारियों ने स्वागत किया था। लेकिन शिवराज सरकार ने आते ही इस आदेश के क्रियान्वयन पर रोक लगाकर अपनी कर्मचारी विरोधी सोच को उजागर कर दिया है। मैं शिवराज सरकार से मांग करता हूं कि वो तत्काल इस रोक को हटाए और कर्मचारियों के हित के हमारी सरकार द्वारा लिए गए इस फैसले को अविलंब लागू करे अन्यथा कांग्रेस इस तानाशाही पूर्ण निर्णय का पुरजोर विरोध करेगी।