इन 24 सीटों में से सबसे ज्यादा सीटें ग्वालियर-टंबल अंचल की हैं। ग्वालियर-चंबल अंचल में पार्टी के लिए सबसे बड़ा चेहरा ज्योतिरादित्य सिंधिया हैं, वहीं, संगठन ने प्रभारियों की नियुक्त कर गुटबाजी खत्म करने की कोशिश शुरू कर दी है।
किन जिलों की कितनी सीटों पर चुनाव
मुरैना की पांच, भिंड-शिवपुरी की दो-दो, ग्वालियर की तीन, सागर, गुना, दतिया, अशोकनगर, देवास, अनूपपुर, रायसेन, आगर, मंदसौर, धार व इंदौर ग्रामीण की एक-एक सीट शामिल है। किसे मिली जिम्मेदारी
उपचुनाव में पार्टी ने जीत के लिए तैयारी शुरू कर दी है। प्रभारियों में कई विधायक और सांसद शामिल हैं। सबसे बड़ी बात ये है कि ज्योतिरादित्य सिंधिया के करीबी गोविंद सिंह को चुनाव में जिताने की जिम्मेदारी शिवराज सिंह चौहान के करीबी और प्रदेश के पूर्व गृहमंत्री भूपेन्द्र सिंह को सौंपी गई है। वहीं, विंध्य क्षेत्र के अनुपपूर सीट की जिम्मेदारी शिवराज के करीबी नेता और पूर्व मंत्री राजेन्द्र शुक्ल और संजय पाठक को सौंपी गई है।
मुरैना की पांच, भिंड-शिवपुरी की दो-दो, ग्वालियर की तीन, सागर, गुना, दतिया, अशोकनगर, देवास, अनूपपुर, रायसेन, आगर, मंदसौर, धार व इंदौर ग्रामीण की एक-एक सीट शामिल है। किसे मिली जिम्मेदारी
उपचुनाव में पार्टी ने जीत के लिए तैयारी शुरू कर दी है। प्रभारियों में कई विधायक और सांसद शामिल हैं। सबसे बड़ी बात ये है कि ज्योतिरादित्य सिंधिया के करीबी गोविंद सिंह को चुनाव में जिताने की जिम्मेदारी शिवराज सिंह चौहान के करीबी और प्रदेश के पूर्व गृहमंत्री भूपेन्द्र सिंह को सौंपी गई है। वहीं, विंध्य क्षेत्र के अनुपपूर सीट की जिम्मेदारी शिवराज के करीबी नेता और पूर्व मंत्री राजेन्द्र शुक्ल और संजय पाठक को सौंपी गई है।
सांची का प्रभार रामपाल सिंह को
सांची विधानसभा चुनाव से ज्योतिरादित्य सिंधिया के समर्थक और कमलनाथ सरकार में मंत्री रहे डॉ प्रभुराम चौधरी को जिताने की जिम्मेदारी शिवराज सिंह के करीबी नेताओं में से एक रामपाल सिंह को सौंपी गई है। वहीं, तुलसी सिलावट की जीत के लिए पार्टी ने कैलाश विजयवर्गीय के करीबी रमेश मेंदोला और इकबाल सिंह गांधी को जिम्मेदारी सौंपी है। वहीं, हरदीप सिंह डंग के जिताने की जिम्मा पार्टी के सीनियर लीडर जगदीश देवड़ा को सौंपा गया है।
सांची विधानसभा चुनाव से ज्योतिरादित्य सिंधिया के समर्थक और कमलनाथ सरकार में मंत्री रहे डॉ प्रभुराम चौधरी को जिताने की जिम्मेदारी शिवराज सिंह के करीबी नेताओं में से एक रामपाल सिंह को सौंपी गई है। वहीं, तुलसी सिलावट की जीत के लिए पार्टी ने कैलाश विजयवर्गीय के करीबी रमेश मेंदोला और इकबाल सिंह गांधी को जिम्मेदारी सौंपी है। वहीं, हरदीप सिंह डंग के जिताने की जिम्मा पार्टी के सीनियर लीडर जगदीश देवड़ा को सौंपा गया है।