अब संभल जाओ मध्यप्रदेश वालों! जबलपुर के बाद इंदौर में भी थर्ड स्टेज की आहट

मध्यप्रदेश में बढ़ती जा रही है मरीजों की संख्या, सोशल डिस्टेंसिंग का नहीं करेंगे पालन तो और बढ़ेंगे मामले

भोपाल/ अब सुधने का वक्त आ गया, अगर आगे भी घरों से बाहर निकला है तो इसकी जिंदा होना जरूरी है। अगर अब नहीं संभले तो आप अपने परिवार के साथ-साथ समाज के भी सबसे बड़े दुश्मन हैं। कोरोना भारत में अब खतरनाक स्टेज में धीरे-धीरे प्रवेश कर रहा है। मध्यप्रदेश वालों अब संभलने का वक्त आ गया है। तुम्हारे शहरों में अब ऐसे ही मामले सामने आने लगे हैं।
जबलपुर, इंदौर, भोपाल, ग्वालियर और शिवपुरी में ऐसे में ही मामले सामने आए हैं, जिनका कोई ट्रैवेल हिस्ट्री नहीं है। फिर आपके मन में तो यह सवाल उठ रहा होगा कि फिर इन्हें कोरोना कैसे हुआ। आपकी जानकारी में तो यहीं है कि कोरोना संक्रमित लोगों के संपर्क में आने के बाद ही कोरोना फैलता है। आपका यह सवाल भी उचित है लेकिन आपके बगल में खड़े शख्स को कोरोना है कि नहीं यह तो आपको पता नहीं है। क्योंकि कोरोना के लक्षण किसी भी व्यक्ति में एक या दो दिन में दिखाई नहीं देते हैं। हां लेकिन कोई शख्स संक्रमित हो तो वह दूसरे को संक्रमित कर सकता है।
जिंदगी नहीं मिलेगी दोबारा
सरकारी निर्देशों और लॉक डाउन की धज्जियां उड़ाते हुए आप घरों से बेखौफ होकर निकल रहे हैं। पुलिस की लाठियां खा रहे हैं लेकिन आप सुधरने को तैयार नहीं हैं। आपके मन में यह बैठा हुआ है कि हमें तो कोरोना नहीं हो सकता है। इन गलतफहमियों को मन से निकाल दें। प्रधानमंत्री मोदी ने भी देश के नाम संबोधन के दौरान इसका जिक्र किया था। अगर इस जिंदगी से आपको प्यार है, अपने कल को आप देखना चाहते हैं, इस जिंदगी से आपको प्यार है तो फिर लॉक डाउन का पालन करें।
बाजारों में जमा हो रही है भीड़
इंदौर में अब कोरोना खतरनाक स्टेज में पहुंच गया है। कोरोना संक्रमितों की संख्या 19 पहुंच गई है। दो की मौत भी हो गई है। उसके बाद भी इंदौर वाले सुधरने का नाम नहीं ले रहे हैं। प्रशासन की अपील के बाद भी बाजारों में भीड़ उमड़ रही है। सरकार के द्वारा लगातार अपील की जा रही है कि किसी भी चीज की कोई दिक्कत नहीं होगी। उसके बाद भी लोग पैनिक हो रहे हैं। सोशल डिस्टेसिंग की ऐसी की तैसी कर रहे हैं।
सोशल डिस्टेसिंग से ही बचेगी जिंदगी
कोरोना वायरस से जान तो बहुत कम लोगों की जाती है लेकिन अभी तक दवा की व्यवस्था नहीं है। डॉक्टरों का मानना है कि कोरोना की स्प्रेडिंग बहुत तेज है। अगर आप भीड़-भाड़ में जाएंगे तो यह वायरस आपके जरिए दूसरों में फैलगा। उससे किसी और में जाएगा। ऐसे ही कर संक्रमित लोगों की संख्या बढ़ती जाएगी। आपके प्रदेश में उपलब्ध स्वास्थ्य सुविधाएं बड़ी संख्या में मरीजों को हैंडल नहीं कर सकती है। ऐसे में लोग इलाज के अभाव में दम तोड़ने लगेंगे। अगर आपकों जिंदगी से प्यार है तो सोशल डिस्टेसिंग से ही इस वायरस को स्प्रेड होने से रोक सकते हैं।
शहर-शहर में एक ही हाल
सिर्फ हम इंदौर की बात नहीं कर रहे हैं। मध्यप्रदेश के कई शहरों में ऐसे ही हालात हैं, जिनके घरों में राशन और खाने-पीने के सामान मौजूद है, वो भी बेवजह घरों से सामान लेने के लिए निकल रहे हैं। साथ ही सड़कों पर भीड़ बढ़ा रहे हैं। प्रशासन से लेकर सीएम तक हाथ जोड़कर इनसे विनती कर रहे हैं, मगर खतरे को जानते हुए भी संभलने के लिए तैयार नहीं हैं।
सोर्स पता करना हो रहा मुश्किल
मध्यप्रदेश में सबसे पहले जबलपुर में कोरोना के चार पॉजिटिव केस मिले थे। सर्राफा व्यापारी और उसके परिवार के लोग दुबई से आए थे। व्यापारी ने न तो इसकी जानकारी प्रशासन को दी और न ही खुद को होम आइसोलेट किया। उल्टे दुकान में जाकर काम करता रहा। इसके संपर्क में आने वाले इसके कर्मचारियों को भी कोरोना हो गया है। इसी के तरह इंदौर में भी कई लोग कोरोना बम बनकर घूम रहे थे। उनलोगों ने कई लोगों को कोरोना दिया है।
सोर्स नहीं पता
इंदौर में मिले कई मरीजों को कोरोना कैसे हुआ, इसके सोर्स की जानकारी नहीं है। कईयों के बारे में तो यह जानकारी है कि उनलोगों ने विदेश यात्रा की है। मगर उज्जैन की जिस महिला की इंदौर में कोरोना से मौत हुई, उसकी ट्रैवेल हिस्ट्री विदेश की नहीं है। सवाल है कि उन्हें कोरोना हुआ कैसे। यहीं तो कम्यूनिटी स्प्रेडिंग है। हम और आप कोरोना से संक्रमित होते हैं, लेकिन उसके लक्षण बाद में दिखते हैं और धड़ल्ले से लोगों से मिलते जुलते हैं। जाने-अनजाने में हम सैकड़ों लोगों को संक्रमित भी कर देते हैं।
क्या होता है थर्ड स्टेज
कोरोना के थर्ड स्टेज को ऐसे समझें। आपके परिवार में कोई व्यक्ति विदेश से आया। वह वहां से संक्रमित होकर आया। उसने खुद को आइसोलेट नहीं किया। सबसे पहले तो संक्रमण परिवार के लोगों में फैलेगा। जब लक्षण दिखाई देंगे तो सबकी जांच होगी। जिसमें से कुछ पॉजिटिव और कुछ निगेटिव आएंगे। परिवार के लोगों का तो पता चल गया कि इन्हें विदेश से आए सदस्य से ही कोरोना हुआ है।
इस दौरान कोरोना संक्रमित व्यक्ति और उसके परिवार के दूसरे सदस्य घरों से बाहर निकलते रहें। जाने-अनजाने में इनसे सैंकड़ों लोग मिले, उनमें से भी कई लोग इनसे संक्रमित होंगे। कोरोना का स्पेडिंग चेन यहीं होता है। यानि एक संक्रमित व्यक्ति हजारों लोगों को संक्रमित कर सकते हैं। ऐसे में इसके संक्रमण को रोकना बहुत ही मुश्किल हो जाता है और मृतकों की संख्या बढ़ने लगती है।
क्या करें
अभी जो स्थिति है उसके हिसाब से अगर आप विदेश तो छोड़िए किसी दूसरे प्रदेश से भी आए हैं तो खुद को होम आइसोलेट कीजिए। दो से सात दिन कोरोना के लक्षण सामने आने में लगते हैं। जैसे ही आपमें इस दौरान कोरोना के कुछ लक्षण दिखाई दें तो तुरंत डॉक्टर और स्वास्थ्य विभाग से संपर्क करें। ऐसे में आप खुद की जिंदगी के साथ-साथ अपने परिवार को भी बचा लेंगे। साथ ही स्प्रेडिंग भी नहीं होंगे। अगर चौदह दिनों में आपके अंदर ये कोई लक्षण नहीं दिखाई देता है तो आप बेफिक्र होकर अपना काम करें।
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