नौ महीने में निर्भया फंड से 7.89 करोड़ खर्च, फिर महिला अपराध पर अंकुश नहीं

-वन स्टॉप सेंटर पर खर्च हुई सबसे ज्यादा राशि

<p>नौ महीने में निर्भया फंड से 7.89 करोड़ खर्च, फिर महिला अपराध पर अंकुश नहीं</p>
भोपाल. निर्भया कांड के बाद बेटियों और महिलाओं की सुरक्षा के लिए कई कदम उठाए, लेकिन महिलाओं के खिलाफ अपराध कम नहीं हुए। यह स्थिति तब है जब अपराध रोकने के लिए सरकार करोड़ों रुपए खर्च कर चुकी है। मप्र की ही बात करें तो प्रदेश में चार साल में बलात्कार के 26 हजार से अधिक मामले दर्ज हुए हैं। गैंगरेप के बाद हत्या के मामले भी सामने आए हैं। निर्भया फंड पर नजर डालें तो नौ महीने में सात करोड़ 89 लाख रुपए खर्च कर चुकी है। राज्य सरकार ने सबसे ज्यादा राशि वन स्टेप सेंटर योजना पर खर्च की। यह राशि सात करोड़ 81 लाख 66 हजार रुपए है, जबकि महिला हेल्पलाइन पर सात लाख 68 हजार रुपए खर्च किए गए। सेफ सिटी योजना के तहत सात हजार 144 रुपए खर्च किए गए।
क्या है निर्भया फंड
दिल्ली में वर्ष 2012 में हुए निर्भया गैंगरेप कांड की जघन्यता ने पूरे देश को हिला कर रख दिया था। इस घटना के बाद महिलाओं की सुरक्षा के लिए समर्पित एक विशेष फंड की घोषणा की गई। इसे निर्भया फंड नाम मिला। इस फंड के तहत पूरे देश में दुष्कर्म संबंधी शिकायतों और मुआवजे के निपटारे के लिए वन स्टॉप सेंटर बनने थे, जिससे महिलाओं को कानूनी और आर्थिक मदद भी मिल सके। उनकी पहचान भी छिपी रहे। साथ ही सार्वजनिक स्थानों और परिवहन में सीसीटीवी कैमरे लगने थे। जिससे अपराधी की पहचान की जा सके।
चौकाने वाली है प्रदेश की तस्वीर
महिला अपराध के मामले में मध्यप्रदेश की तस्वीर चौंकाने वाली है। चार साल में प्रदेश में महिलाओं से बलात्कार के कुल 26708 प्रकरण दर्ज हुए। जबकि गैंगरेप के बाद हत्या के कुल 37 प्रकरण दर्ज हुए। इन्हीं चार साल में नाबालिग अपरहण के कुल 27827 प्रकरण एवं बालिग महिलाओं के अपहरण के कुल 854 प्रकरण दर्ज हुए।
प्रदेश में महिलाओं के खिलाफ अपराध
वर्ष—— दर्ज केस
2017—–549
2018—–583
2019—-577
2020—-633
2021—- 321 (30 जून तक)
सर्वाधिक राशि खर्च करने वाले टॉप-10 जिले
जिला—— राशि
उज्जैन—– 3745219
सीधी——3568842
झाबुआ—– 3363957
बालाघाट— 3189022
सिवनी—–2870179
आलीराजपुर—2826390
छतरपुर—-2819626
श्योपुर—-2677008
टीकमगढ़—2633273
धार—-2619964
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