डॉक्टरों का कहना है कि जब वे ड्यूटी से लौट रहे थे, तब पुलिस ने उन्हें रोका। इस दौरान वे लोग आईडी कार्ड भी दिखाया, इसके बावजूद उन लोगों ने उनकी पिटाई की। पिटाई का मामला सामने आने के बाद फेडरेशन ऑफ रेजिडेंट डॉक्टर्स एसोसिएशन गृह मंत्री अमित शाह से भी इसकी शिकायत की है और सुरक्षा की मांग की है।
गौरतलब है कि भोपाल एम्स में कोरोना मरीजों का इलाज चल रहा है। इसके अलावा यहीं पर कोरोना टेस्ट की भी व्यवस्था की गई है। जानकारी के अनुसार, गुरुवार को भोपाल एम्स के जूनियर डॉक्टरों ने चिट्ठी लिखकर इस मामले की जानकारी एम्स प्रशासन को दी। डॉक्टरों ने लेटर में लिखा है कि हमलोग अपनी जान खतरे में डालकर मुश्किल समय में काम कर रहे हैं, ऐसे में पुलिस हमलोगों के साथ इस तरह की व्यवहार कर रही है।
क्या है आरोप
आरडीए का आरोप है कि 8 अप्रैल को शाम सात बजे दो पीजी रेजिडेंट डॉक्टर इमरजेंसी ड्यूटी के बाद घर वापस जा रहे थे। इस दौरान कुछ पुलिस वालों ने इनकी बाइक को रोक दी और इन्हें डंडे से मारने की कोशिश की। इस दौरान दोनों ने आईडी कार्ड भी दिखाया और उन्हें एम्स से इमरजेंसी ड्यूटी कर लौटने की बात कही। लेकिन पुलिस वाले नहीं माने और इनकी पिटाई करने लगे।
आरडीए का आरोप है कि 8 अप्रैल को शाम सात बजे दो पीजी रेजिडेंट डॉक्टर इमरजेंसी ड्यूटी के बाद घर वापस जा रहे थे। इस दौरान कुछ पुलिस वालों ने इनकी बाइक को रोक दी और इन्हें डंडे से मारने की कोशिश की। इस दौरान दोनों ने आईडी कार्ड भी दिखाया और उन्हें एम्स से इमरजेंसी ड्यूटी कर लौटने की बात कही। लेकिन पुलिस वाले नहीं माने और इनकी पिटाई करने लगे।
केंद्रीय गृहमंत्री से शिकायत इसके बाद इन लोगों घटना की जानकारी सिनियर डॉक्टर्स को दी। इन लोगों का कहना है कि ऐसा माहौल असुरक्षा की भावना पैदा करता है। इ लोगों ने 24 घंटे के अंदर कार्रवाई की मांग की है। गौरतलब है कि देश के कई हिस्सों में डॉक्टरों के साथ दुर्व्यवहार की घटना को लेकर फोरडा ने गृह मंत्री अमित शाह को चिट्ठी लिखी है, इसमें भोपाल की घटना का भी जिक्र है। एसोसिएशन का कहना है कि है कि इन घटनाओं पर संज्ञान लकर त्वरीत कार्रवाई की जाए।