भास्कर ने हजम किए छत्तीसगढ़ सरकार के 14 करोड़ रुपए

पत्रकारिता की आड़: नहीं दी जमीन की लीज राशि

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भोपाल-रायपुर. छत्तीसगढ में भास्कर समूह की एक और करतूत सामने आई है। आरटीआई दस्तावेज से पता चला है कि इसने रजबंधा मैदान की जमीन का करीब 14 करोड़ रुपए भू—भाटक राज्य सरकार को नहीं दिया है। न ही आवंटन रद्द होने पर कब्जा लौटाया है। राज्य सरकार ने सन 1985 में भास्कर समूह को जमीन आवंटित की थी। लेकिन 2015—16 में जब लीज अवधि बढ़ाने के लिए इसने आवेदन किया तब जांच में पता चला कि लीज अवधि तक भू—भाटक यानि लीज राशि नहीं चुकाई गई है।
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उस समय तक भास्कर द्वारा रजबंधा मैदान स्थित जमीन का 12,70,17,773 रुपए भू—भाटक हजम कर लिया गया था। अब यह राशि 14,34,07,163 रुपए हो चुकी है। भास्कर समूह को 45,725 वर्गफीट जमीन आवंटित की गई थी लेकिन प्रबंधन ने 55,900 वर्गफीट जमीन पर कब्जा कर लिया था जिसपर अब भी कब्जा कायम है।
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ऐसे तय हुआ था भू—भाटक
भास्कर को जब 2009 में भूमि आवंटित की गई थी तब 79,400 रुपए प्रीमियम तथा प्रीमियम के 7.5 प्रतिशत की दर से व्यवसायिक भू—भाटक 60,28,455 रुपए तय किया गया था। राजस्व तथा आपदा प्रबंधन विभाग ने भू—भाटक पर वार्षिक साधारण ब्याज 6.50 प्रतिशत तय किया था. इस दर से ब्याज की रकम 3,91,850 रुपए होती है. जमीन पर भास्कर का कब्जा 1985 से है यानि 2015—16 तक 31 वर्ष की अवधि में ब्याज की कुल रकम 1,21,47,350 रुपए होती है.
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भास्कर समूह ने नजूल पट्टे के नियमितीकरण या नवीनीकरण के संबंध में 17 नवंबर 2017 को अभ्यावेदन भेजा था. इस पर कार्रवाई करते हुए राजस्व आपदा प्रबंधन विभाग की उपसचिव रीता यादव ने शासन के द्वारा पट्टा निरस्तीकरण पर जारी आदेश पर मिले स्थगन को 15 जुलाई 2019 को तत्काल प्रभाव से समाप्त कर दिया. साथ ही जनहित में उक्त भूमि का बकाया वापस लेने की प्रक्रिया प्रारंभ करने का आदेश दिया था.
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कुल बकाया रकम
जमीन का प्रयोजन परिवर्तन करने पर जुर्माना— 13,71,750 रुपए
वार्षिक व्यवसायिक भू—भाटक— 2,70,90,818 रुपए
अतिक्रमित क्षेत्र की प्रब्याजी— 80379400 रुपए
अतिक्रमित क्षेत्र का व्यवसायिक भू—भाटक 6028455 रुपए
अतिरिक्त क्षेत्र पर कब्जा पर भू—भाटक पर 31 वर्ष का ब्याज—12147350
कुल राशि 127017773 रुपए जमा कराने के बाद ही नवीनीकरण किया जाना तय किया गया.
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