दिव्यांग का बड़ा भाई निकला कातिल
दिव्यांग सुशील और उसकी मासूम बेटी संजना का कातिल कोई और नहीं बल्कि मृतक सुशील का बड़ा भाई शंकर ही है। जिसने कुल्हाड़ी से मारकर दोनों को मौत के घाट उतार दिया था और बाद में पुलिस को गुमराह करने की कोशिश करता रहा। लेकिन पुलिस के सामने उसकी चालाकी नहीं चली और पुलिस ने आखिरकार कातिल को जेल की सलाखों के पीछे पहुंचा दिया। पूछताछ में आरोपी शंकर ने कत्ल के पीछे जो वजह बताई उसे जानकर पुलिस भी हैरान हो गई।
भाभी से थे दिव्यांग के अवैध संबंध
पुलिस की पूछताछ में आरोपी शंकर ने बताया कि उसके छोटे भाई दिव्यांग सुशील के उसकी पत्नी के साथ अवैध संबंध थे। घटना के दिन रात के करीब साढ़े 9 बजे दोनों को शंकर ने रंगेहाथों पकड़ा था। पत्नी के साथ भाई को संदिग्ध हालत में देख आरोपी शंकर ने पहले तो छोटे भाई सुशील की जमकर पिटाई की और फिर कमरे में जाकर सो गया। दिव्यांग भाई को पीटने के बाद भी आरोपी शंकर का गुस्सा शांत नहीं हुआ था रात को करीब 12 बजे वो दोबारा दिव्यांग सुशील के कमरे में पहुंचा। दिव्यांग अपनी चार साल की मासूम बेटी के साथ सो रहा था तभी आरोपी ने कुल्हाड़ी से उसकी गर्दन पर वार कर दिया।
जुर्म को छिपाने मासूम को उतारा मौत के घाट
आरोपी शंकर ने पुलिस को बताया कि सुशील की हत्या करते हुए चार साल की मासूम ने उसे देख लिया था उसे डर था कि वो उसके जुर्म का पर्दाफाश कर देगी इसलिए भाई की हत्या करने के बाद उसने उसी कुल्हाड़ी से मासूम के गले पर भी वार कर उसे भी मौत की नींद सुला दिया और वापस कमरे में आकर सो गया।
दिव्यांग ने सरपंच को किया था फोन
बता दें कि दिव्यांग सुशील ने घटना के दिन करीब 10 बजे रात को सरपंच को फोन कर जरुरी बात करने की बात कही थी और सुबह मिलने के लिए जाने वाला था लेकिन इससे पहले ही रात को उसका और बेटी का कत्ल कर दिया गया था।
ऐसे खुला कत्ल का राज
डबल मर्डर की इस सनसनीखेज वारदात को पुलिस ने गंभीरता से लिया था। विभिन्न पहलुओं से मामले की तफ्तीश कर रही थी आरोपी पर 10 हजार रुपए का ईनाम भी घोषित किया था। तफ्तीश के दौरान पुलिस को मृतक सुशील के बड़े भाई और भाभी का व्यवहार कुछ अजीब लगा और इसी आधार पर जब उसने शंकर को पकड़कर पूछताछ की तो पहले तो वो गुमराह करने की कोशिश करता रहा लेकिन बाद में सच कबूल लिया।