बारिश के दौरान इस तरह की सबसे ज्यादा शिकायतें नगरीय निकायों और लोक निर्माण विभाग के पास आ रही हैं।
सीवेज और पानी की पाइप लाइन बिछाने के लिए सड़कें खोदने के बाद ठेकेदार पैसे बचाने के चक्कर में री-रेस्टोरेशन का काम अच्छे से नहीं कर रहे हैं। बारिश के दौरान अब यह सड़कें उखडऩा शुरू हो गई हैं। इन सड़कों पर बड़े-बड़े गड्ढे हो गए हैं, जिनमें गाडिय़ां फंसने लगी हैं अथवा इनसे जाम लगने लगा है। कई जगह ऐसी स्थिति बन गई हैं, जहां बारिश से पहले सड़कें खोदी गई थी, लेकिन अभी तक उनकी मरम्मत नहीं की गई है।
सीवेज और पानी की पाइप लाइन बिछाने के लिए सड़कें खोदने के बाद ठेकेदार पैसे बचाने के चक्कर में री-रेस्टोरेशन का काम अच्छे से नहीं कर रहे हैं। बारिश के दौरान अब यह सड़कें उखडऩा शुरू हो गई हैं। इन सड़कों पर बड़े-बड़े गड्ढे हो गए हैं, जिनमें गाडिय़ां फंसने लगी हैं अथवा इनसे जाम लगने लगा है। कई जगह ऐसी स्थिति बन गई हैं, जहां बारिश से पहले सड़कें खोदी गई थी, लेकिन अभी तक उनकी मरम्मत नहीं की गई है।
इससे इन सड़कों से लोगों को बाहन निकालना मुश्किल हो रहा है। बारिश के दौरान इस तरह की लगातार आ रही शिकायतों को लेकर नगरीय प्रशासन एवं विकास विभाग ने निकायों को सड़कों की मरम्मत ठेकदारों से तत्काल करने के निर्देश दिए हैं। इस मामले में नगरीय प्रशासन एवं विकास विभाग के ईएनसी जीपी कटारे का कहना है कि निकायों को निर्देश दिए हैं कि वे खोदाई के तुरंत बाद उसके मरम्मत का काम कराएं। इस मामले की जांच पड़ताल कराएं। अगर ठेकेदार इस काम को नहीं कर रहे हैं तो उनके खिलाफ कार्रवाई करें।
नियम बना रही सरकार
सड़कों की खुदाई को लेकर सरकार सुरक्षा नियमों में प्रावधान करने जा रही है। क्योंकि पानी, सीवेज लाइन, टेलीफोन केवल बिछाने के लिए निजी एजेंसियां सड़के खोद देती हैं, लेकिन उसकी मरम्मत नहीं करती है। कहीं करती भी है तो उस जगह पर सड़कें महीने, पंद्रह दिनों में ही खराब हो जाती हैं। इससे सड़क हादसे भी होते रहते हैं। इसको लेकर सरकार नियम, शर्तें बना रही है। इसमें सड़क खोदने वाली एजेंसी के अलावा इस काम को कराने वाले ठेकेदार और सरकारी विभाग के इंजीनियरों की भी जिम्मेदारी तय की जाएगी। उसमें यह भी प्रावधान किया जा रहा है कि इन सड़कों की मरम्मत ठेकेदार कितने समय तक करेगा।