भिवाड़ी

गगा दशहरा व निर्जला एकादशी दान पुण्य, अनुष्ठान, व पूजा अर्चना के लिए शुभ व श्रेष्ठ दिन

ज्येष्ठ मास शुक्ल पक्ष में मनाया जाने वाला गंगा दशहरा का पर्व बुधवार तथा निर्जला एकादशी गुरुवार को मनाई जाएगी। शास्त्रों के अनुसार गगा दशहरा व निर्जला एकादशी पर दोनों दिन दान पुण्य, अनुष्ठान, व पूजा अर्चना के लिए शुभ व श्रेष्ठ दिन माना जाता है।

भिवाड़ीJun 10, 2019 / 12:52 pm

Hiren Joshi

गगा दशहरा व निर्जला एकादशी दान पुण्य, अनुष्ठान, व पूजा अर्चना के लिए शुभ व श्रेष्ठ दिन

शहर में होंगे धार्मिक आयोजन, जगह- जगह पर लगने लगी प्याऊ

। इन दो दिनों में शहर में श्रद्धालुओं की ओर से ठंडे व मीठे पानी की प्याऊ लगाई जाती है। मंदिरों में भी भगवान को जल से भरे कलश, पंखी व आम, ककडी आदि ऋतु फल अर्पित किए जाते हैं।
पंडित यज्ञदत्त शर्मा ने बताया कि इस बार गंगा दशहरे पर संपूर्ण दिन रात रवियोग व प्रात: 5.36 बजे से प्रात: 11 बजकर 51 मिनट तक सर्वार्थसिद्धि व कुमार योग बन रहा है। गंगा दशहरे को अबूझ मुहूर्त माना गया है। गंगा दशहरे के अगले दिन निर्जला एकादशी का पर्व मनाया जाएगा। श्री मद भागवत पुराण के अनुसार निर्जला एकादशी को भीम एकादशी भी कहते हैं, बताया जाता है कि द्वापर मेें सभी पाण्डव पुत्र एकादशी करते थे, लेकिन भूख नहीं सह पाने के कारण भीम उपवास नहीं करते थे, ऐसे में भगवान विष्णु ने उन्हें एक वर्ष में सिर्फ निर्जला एकादशी का व्रत व उपपास करने का उपाय बताया, तभी से निर्जला एकादशी को भीम एकादशी भी कहते हैं। निर्जला एकादशी के उपलक्ष में रविवार को काशीराम चौराहा पर भार्गव सभा व भार्गव महिला सभा की ओर से ठंडे व मीठे जल की प्याऊ लगाई गई। सचिव च्यवन भार्गव ने बताया कि इस अवसर पर संस्था के सदस्यों ने दिन भर सहयोग किया, गर्मी में ठंडा पानी पीने से लोगों ने राहत महसूस की।

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