जन्मी लाडली तो स्वागत के लिए सजाया घर

दहलीज पर नन्ही लाडली के पैरों से लुढ़कवाया चावल से भरा कलश, पदचिन्हों की छाप भी छुड़वाई

<p>बेटी को गृह प्रवेश कराने के दौरान उसके पैर से चावल से भरा कलश लुढ़कवाती उसकी बुआ।</p>
भिण्ड. भले ही भिण्ड जिला कोख में कन्याओं के कत्ल के लिए बदनाम रहा है। नतीजतन अभी तक लिंगानुपात लड़कों के मुकाबले कम ही है। बावजूद इसके अब धीरे-धीरे वक्त बदल रहा है। समाजसेवी संगठनों के लगातार प्रयासों से लोगों की सोच में परिवर्तन हो रहा है। यही वजह है कि 09 जुलाई को भिण्ड जिले के दुर्गानगर निवासी आदित्य सिंह तोमर की पत्नी सोनम ने लाडली को जन्म दिया। रविवार को उसके परिजन नन्ही परी को जब घर ले गए तो पूरे घर को सजाया गया और हर्षोल्लास के साथ गृह प्रवेश कराया।

नन्ही गुडिय़ा के गृह प्रवेश के लिए सबसे पहले उसकी बुआ अंकिता तोमर ने दहलीज पर चावल से भरे रखे कलश को बच्ची के नन्हे पैरों से अंदर लुढ़कवाया। उसके बाद घर के आंगन में बिखरी फूलों की पंखुडिय़ों के बीच रखी महावर से भरी थाली में पैर डुबोकर आंगन में पैरों की छाप छुड़वाई। इतना ही नहीं घर के सभी सदस्यों ने मोहल्ले में बेटी पैदा होने की खुशी में मिठाई बंटवाई।

बेटी के जन्म पर घर सजाने और खुशियां मनाने के लिए लोगों को जागरुक कर रहा है केएएमपी संगठन

सामाजिक संगठन केएएमपी के सदस्य शहर के अलावा कस्बों और गांवों में भ्रमण कर लोगों को बेटी पैदा होने पर घर में खुशियां मनाने और घर सजाकर नन्ही परी के भव्य स्वागत के लिए पे्ररित करने का काम कर रहा है। संगठन के अध्यक्ष तिलक सिंह भदौरिया कहते हैं जैसे सूना चिडिय़ा बिन आंगन वैसे ही बेटी बिना ये जीवन भी सूना है।
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