सहाड़ा उपचुनाव में जातिगत समीकरणों का सहारा

सहाड़ा विधानसभा उपचुनाव के लिए मतदान में सिर्फ दो दिन बचे है। गुरूवार शाम चुनाव प्रचार थम जाएगा। ऐसे में यहां मतदाताओं को लुभाने के साथ ही जातिगत समीकरणों की साधने की कवायद तेज हो गई है। दोनों दलों के वरिष्ठ नेता इसमें जुटे हुए हैं।

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भीलवाड़ा। सहाड़ा विधानसभा उपचुनाव के लिए मतदान में सिर्फ दो दिन बचे है। गुरूवार शाम चुनाव प्रचार थम जाएगा। ऐसे में यहां मतदाताओं को लुभाने के साथ ही जातिगत समीकरणों की साधने की कवायद तेज हो गई है। दोनों दलों के वरिष्ठ नेता इसमें जुटे हुए हैं।
सहाड़ा सीट पर अब तक ब्राह्मण और जाट उम्मीदवारों का ही दबदबा रहा है। इसी समीकरण को साधने के लिए दोनों दलों ने अपने उम्मीदवार मैदान में उतारे है। चुनाव के लिए आखिरी समय में दोनों के प्रदेशाध्यक्ष भीलवाड़ा में है। भाजपा प्रदेशाध्यक्ष सतीश पूनिया बुधवार शाम आ गए। वे गुरूवार शाम तक यहीं हैं,जबकि कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा भी गुरूवार को यहां आ रहे है। वे महेन्द्रगढ़ और पोटला में जनसम्पर्क करेंगे। क्षेुतर में जातिगत आधार पर दोनों ही दलों के सांसद, विधायक और पार्टी के वरिष्ठ नेता अपने-अपने समाज के प्रबुद्ध लोगों से बैठकें कर उनकी नाराजगी दूर करने की कोशिश कर रहे हैं।
विवादों से सांसत में दल

पिछले कुछ दिनों में हुए विवादों के बाद कुछ समाजों की नाराजगी से दोनों ही दल चिंतित है। उन्होंने डेमेज कंट्रोल के लिए इन समाजों से जुड़े अपने प्रमुख नेताओं को क्षेत्र में उतारा है। रायपुर क्षेत्र में एक युवती के कथित अपहरण को लेकर माली समाज की नाराजगी और भाजपा के प्रदर्शन के बाद मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के बेटे वैभव गहलोत बुधवार को भीलवाड़ा आए। उन्होंने गंगापुर में माली समाज के लोगों के साथ बैठक की। रायपुर में जोधपुर की विधायक मनीषा पंवार ने जनसम्पर्क किया। नेता प्रतिपक्ष गुलाबचंद कटारिया के महाराणा प्रताप पर विवादित बयान के बाद राजपूत समाज की नाराजगी को देखते हुए उपनेता प्रतिपक्ष राजेन्द्र राठौड़ ने मंगलवार को भीलवाड़ा में जनसम्पर्क किया।
मोह क्यों नहीं छोड़ रहे दल

सहाड़ा विधानसभा क्षेत्र में ज्योतिष नगरी के रूप में मशहूर कारोही में भी चुनाव प्रचार चरम पर है। यहां निजी चिकित्सक नरेन्द्र शर्मा का कहना था कि दोनों ही दल भितरघात को लेकर आशकिंत है। यहां दल जातिगत मोह को नहीं छोड़ पा रहे। दोनों दलों के कई पदाधिकारी पूरी तरह सक्रिय नहीं है। उनका कहना था कि इस बार क्षेत्र में शिक्षा, चिकित्सा, पेयजल के क्षेत्र में अच्छा काम हुआ है। क्षेत्र में चिकित्सा क्षेत्र में बहुत सुधार हुआ है।
प्रवासी मतदाता की आस कम

यूं तो हर बार यहां चुनाव में दूसरे राज्यों में प्रवासी लोगों की यहां मतदान में अच्छी भागीदारी रहती है, लेकिन इस बार कोरोना संक्रमण के चलते उनके आने की उम्मीद कम है। स्थानीय लोगों के अनुसार लॉकडाउन हटने के बाद यहां से प्रवासी अपने-अपने इलाकों में चले गए थे। वापिस जिस तेजी से कोरोना संक्रमण फैल रहा है और चिकित्सकीय जांच अनिवार्य की गई है, उससे उनका यहां मतदान के लिए आना बहुत मुश्किल है।
यहां विकास की जोह बांट रहे

सहाड़ा विधानसभा के अंदर शामिल सुवाणा पंचायत समिति की १६ पंचायतें आती है। यह इलाका भीलवाड़ा शहर से सटा हुआ है, ऐसे में इस इलाके के लोग चुनाव हलचल से दूर ही नजर आ रहे है। यहां के सबसे बड़े कस्बे हमीरगढ़ पहुंचा तो यहां चुनावी रौनक गायब मिली। बाजारों में पार्टियों के झंडे-बैनर पोस्टर गायब थे। बाजार में एक दुकान पर बैठे शांतिलाल बोहरा, नवरतन सामर, सुजानमल, शंकरलाल भाम्बी, पिंटूलाल माली, राजेन्द्र पालीवाल से बात की गई तो उनका कहना था कि विधानसभा मुख्यालय से यह इलाका आखिरी छोर पर है, ऐसे में यहां सुविधाओं पर किसी ने भी ध्यान नहीं दिया। यहां पेयजल संकट गहरा गया है। दस दिन में एक बार पानी आ रहा है। लोग घरों में टैंकर से पानी डलवा रहे है। चम्बल परियोजना से कस्बें को पानी देने का लम्बे समय से आश्वासन ही मिल रहा है। शिक्षा और चिकित्सा क्षेत्र में भी संसाधनों का अभाव है।

बढ़ता संक्रमण, मतदान पर असर का डर

क्षेत्र में पिछले कुछ दिनों में कोरोना संक्रमण के मामले बढ़े है। ऐसे में इसका मतदान पर असर पढ़ने की आशंका भी जताई जा रही है। भाजपा प्रत्याशी रतनलाल जाट और सांसद सुभाष बहेडि़या समेत कई कार्यकर्ता और उनके परिजन संक्रमित हो गए हैं।
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