दड़े से जानते हैं सालभर का भविष्य, जानिए इस बार कैसा रहेगा साल

ग्रामीणों ने दड़ा खेलना शुरू किया। नगाड़े के बजते ही ग्रामीण दड़ा खेलने व देखने पहुंचे।

<p>makar sankranti dra mhotsav in bhilwara</p>
धनोप।
गांव में मंगलवार को दड़ा महोत्सव हुआ। पंडित कल्याण धणी व पण्डित चंद्रप्रकाश पाराशर से पूजा-अर्चना करा पूर्व एडिशनल एसपी शैतेन्द्र सिंह राणावत व जैनेंद्र सिंह राणावत के नेतृत्व में नगाड़े के साथ महावीर पटेल दड़ा उत्सव चौक में पहुंचे। ग्रामीणों ने दड़ा खेलना शुरू किया। नगाड़े के बजते ही ग्रामीण दड़ा खेलने व देखने पहुंचे। दड़ा दोपहर 2.15 से 4.15 बजे तक चला। धनोप के दोनों दलों ने दड़े को 1 घंटे के शुरुआती खेल में कभी कल्याण धणी मंदिर, कभी बालाजी मंदिर, गोल प्याऊ, गढ़ चौक स्थल मंदिर के आसपास घूमता रहा। तीन बार कल्याण धणी मंदिर के पास, तीन बार बालाजी मंदिर के पास, तीन बार स्थल मंदिर के पास घूमता रहा। दड़े को कभी फकीरों के मोहल्ले के तरफ कभी हवालों की तरफ खींचते रहे। आखिरकार दड़ा गढ़ चौक से गढ़ में पहुंचा। जैसे ही दड़ा गढ़ में पहुंचा। लोग खुशी से झूम उठे।
गढ़ के शैतेन्द्र सिंह राणावत ने इस बार अच्छा जमाना होने की घोषणा की। धनोप में पहली बार दड़ा महोत्सव में मध्यम वर्ग के युवाओं का संघर्ष में बड़ा योगदान रहा। हजारों लोग दड़े को देखने के लिए उमड़े। डोलर, ड्रैगन, चकरी- झूले इत्यादि लगे। खेल समाप्ति पर गढ़ की ओर से खिलाडिय़ों को गुड़ व पालीवाल बोहरा की ओर से प्रसाद के रूप में आंशिक अफीम दी गई। मान्यता है कि दड़ा गढ़ में पहुंचता है तो खुशहाली रहती है, इस प्रकार जमाना इस बार मध्यम वर्ष का रहेगा। धनोप में दड़ा महोत्सव समिति की ओर से हास्य कवि सम्मेलन किया गया।
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