कोटडी में घटना स्थल से लाठर सीधे कंकरोलिया घाटी ग्राम पंचायत के चोहली गांव पहंचे । औंकार रेबारी के घर वालों से मिले और शोक संतप्त परिजनों को ढांढस बंधाया। लाठर ने शहीद के पिता नारायण से कहा कि आपका बेटा बहुत बहादुर था,राजस्थान पुलिस के लिए अपना सर्वोच्च बलिदान देने वाले औंकाार का त्याग हमेशा याद रखा जाएगा। औंकार की डेढ़ साल की बेटी को लाया गया तो वह कर रोने लगी। फि र अपने दादा नारायण की गोद में दुबक गई। लाठर ने उससे नाम पूछा तो वह मासूमियत से पुलिस अधिकारियों को देखती रही
डी जीपी एल लाठर ने यहां औंकार की मां के पैर छुए। मां बेसुध होकर बिलखने लगी, लाठर की भी आंखें भी नम हो गई। लाठर ने शहीद की मां के चरणों को छूकर कहा कि आपका बेटा महकमे का हीरो है।