सुनहरा मौका: प्रदेश में पहली बार स्टूडेंट्स के लिए टूल एंड डाइ मेकिंग डिप्लोमा कोर्स लॉन्च, MSME रसमड़ा ने मंगाए आवेदन

25 एकड़ में फैले टेक्नोलॉजी सेंटर को 125 करोड़ रुपए की लागत से तैयार किया गया है। युवाओं को तकनीक के क्षेत्र में आगे लाने यहां ऐसी आधुनिक मशीनें उपलब्ध हैं, जिन्हें स्थापित करना सामान्य संस्थान के मुश्किल है।

<p>सुनहरा मौका: प्रदेश में पहली बार स्टूडेंट्स के लिए टूल एंड डाइ मेकिंग डिप्लोमा कोर्स लॉन्च, MSME रसमड़ा ने मंगाए आवेदन</p>
भिलाई. इंजीनियरिंग और आईटीआई जैसे कोर्स किए बिना उद्योग में बेहतर नौकरी चाहते हैं तो आपकी यह मुराद दुर्ग रसमड़ा में एमएसएमई मंत्रालय का टेक्नोलॉजी सेंटर पूरी कर सकता है। प्रदेश में यही इकलौता संस्थान है जो छात्रों को डिप्लोमा इन टून एंड डाई मेकिंग का कोर्स करा रहा है। प्रवेश शुरू भी हो गए हैं। डिप्लोमा मैकाट्रॉनिक्स विषय पढऩे वाले विद्यार्थियों के लिए भी यह जगह बेहतर साबित होगी। 25 एकड़ में फैले टेक्नोलॉजी सेंटर को 125 करोड़ रुपए की लागत से तैयार किया गया है। युवाओं को तकनीक के क्षेत्र में आगे लाने यहां ऐसी आधुनिक मशीनें उपलब्ध हैं, जिन्हें स्थापित करना सामान्य संस्थान के मुश्किल है। केंद्र शासन ने अनुभवी शिक्षकों को यहां नियुक्त किया है।
ऐसे ले सकेंगे प्रवेश
इन दोनों ही कोर्स में प्रवेश के लिए न्यूनतम 50 फीसदी अंकों के साथ गणित और विज्ञान में मान्यता प्राप्त बोर्ड से 10वीं उत्तीर्ण होना जरूरी है। यह पॉलीटेक्निक से मिलता कोर्स नहीं है। आवेदक को 5 दिसंबर तक फार्म भर देना होगा। चयन सूची का प्रकाशन मेरिट के आधार पर किया जाएगा।
ये है डिप्लोमा कोर्स डिटेल
डिप्लोमा इन टूल एंड डाईमेकिंग कोर्स 4 वर्ष का है, जिसमें प्रवेश के लिए सामान्य कोटे की 7, ओबीसी 13, एससी 9 व एसटी की 5 सीटों पर प्रवेश मिलेगा। इसी तरह मैकाट्रानिक्स के तीन साल के पाठ्यक्रम में सामान्य कोटे की 18 सीटें हैं। वहीं ओबीसी की 15, एससी की 9 और एसटी की 5 सीटों पर प्रवेश दिया जा रहा है। आयु में छूट के लिए शासकीय नियम लागू होंगे।
जानिए, क्या है टेक्नोलॉजी सेंटर में खास…
शानदार क्लास: सेंटर में लगने वाली क्लास रूम में बहुत सी हाईटेक सुविधाएं होंगी। पूरा भवन फायर अलार्म व अन्य सुविधाओं से लैस है। क्लास में स्मार्ट बोर्ड लेकर कैमरा और अन्य तकनीकी उपकरण मौजूद हैं।
हाईटेक लैब: टेक्नोलॉजी सेंटर में करीब 15 करोड़ रुपए की मशीने लगनी हैं, जिनमें से मैकेनिकल प्रायोगिक कराने अधिकतर मशीनें प्रयोगशाला में पहुंच गई हैं। विद्यार्थियों की ब्रांच के हिसाब से यहां प्रायोगिक की सुविधा मिलेगी। यहां वह मशीनें लगाई गईं हैं, जिन्हें अभी विदेशों में उपयोग किया जा रहा है। इनमें हाथ जमने के बाद युवाओं के पास विदेश में नौकरी के रास्ते भी खुलेंगे। लाइब्रेरी और साइंस लैब भी शानदार है।
प्रोडक्शन: यह टेक्नोलॉजी सेंटर सिर्फ पढ़ाई कराने के लिए ही नहीं होगा, बल्कि इससे छोटे और मझले उद्योग भी अपनी जरूरत पूरी कर पाएंगे। ऐसे प्रोडक्ट जो अभी तक उद्योगों को बाहर से इम्पोर्ट करने होते हैं, उन्हें सेंटर बनाकर देगा। इसमें विद्यार्थियों की भी सहभागिता होगी।
प्लेसमेंट: एमएसएमई का यह सेंटर अपने युवाओं के लिए नौकरी का बंदोबस्त भी करेगा। इसके लिए मंत्रालय के द्वारा संपर्क नाम का पोर्टल तैयार किया गया है, जिसमें सिर्फ वही रजिस्टर्ड हो पाएंगे, जिन्हें टेक्नोलॉजी सेंटर से प्रमाणित किया है। बड़ी कंपनियों के साथ सेंटर का टाइअप होगा, जिससे इन युवाओं को प्लेसमेंट उपलब्ध हो पाएगा।
खुलेंगे नौकरियों के अवसर
अभिनव दास, मैनेजर, मैकेनिकल, टेक्नोलॉजी सेंटर, रसमड़ा बोरई ने बताया कि प्रदेश के इकलौते टेक्नोलॉजी सेंटर दुर्ग में इस साल डिप्लोमा इन टूल एंड डाईमेकिंग कोर्स लॉन्च किया गया है। यह कोर्स करने वालों को नौकरियों के लिए अवसर खुलेंगे। कोर्स का आवेदन करने की तिथि 5 दिसंबर तक है।
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