Bhilai प्रेग्नेंट की मौत के मामले में तीन निजी अस्पतालों को किया 20-20 हजार रुपए जुर्माने से दण्डित

पत्रिका की खबर का असर,

<p>Bhilai प्रेग्नेंट की मौत के मामले में तीन निजी अस्पतालों को किया 20-20 हजार रुपए जुर्माने से दण्डित</p>

भिलाई. भिलाई के एक निजी अस्पताल से दूसरे में भागते-भागते प्रेग्नेंट महिला पूनम नागदेवे की मौत होने के मामले में जांच कमेटी ने मेडिकल नेग्लिजेंस (उपचार चिकित्सकीय लापरवाही) माना है। इसके लिए तीन निजी अस्पतालों को बीस-बीस हजार रुपए के जुर्माने से दण्डित किया है। जांच कमेटी के प्रतिवेदन के आधार पर कलेक्टर ने यह आदेश जारी किया है। पीडि़त परिवार चाहता था कि इस तरह से किसी दूसरे के साथ न हो, इस लिए वे शिकायत कर रहे हैं।

यह था जांच कमेटी का अभिमत
संयुक्त जांच कमेटी के अधिकारियों ने जांच प्रतिवेदन में अभिमत दिया है कि मृतक गर्भवती मरीज पूनम नागदेवे के स्वास्थ्य उपचार दस्तावेजों के अवलोकन व अध्ययन के मुताबिक निजी अस्पताल करुणा अस्पताल, भिलाई, श्री शंकराचार्य मेडिकल कॉलेज, जुनवानी, भिलाई व बीएम शाह हॉस्पिटल ने मृतक मरीज को समुचित उपचार व उचित चिकित्सकीय परामर्श दिया गया होता तो संभवत: यह स्थिति नहीं होती। उल्लेखित तीन जिनी अस्पतालों ने मेडिकल नेग्लिजेंस होना प्रतीत होता है। पहली नजर में तीनों निजी अस्पतालों की लापरवाही पाया गया है।

बीस-बीस हजार जुर्माना
निजी तीनों ही अस्पताल नर्सिंग होम एक्ट 2013 में पंजीकृत अस्पताल है। संबंधित निजी अस्पतालों पर नर्सिंग होम एक्ट लागू होता है। जिसके लिए नर्सिंग होम एक्ट 2013 में वर्णित अध्याय तीन 12 दण्ड और जुर्माना (क) (1) इस अधिनियम या इसके अधीन बनाए गए किन्ही नियमों के अधीन जो कोई भी अनुज्ञा पत्र के संबंध में बनाए गए प्रावधान का उल्लंघन करता है तो पृथक-पृथक २० हजार रुपए के जुर्मानें से दण्डनीय होगा। जिसके परिपालन में तीनों ही निजी अस्पतालों के संचालकों को बीस-बीस हजार रुपए के जुर्मानें से दिण्डित किया जाता है। दण्डित जुर्माना राशि कार्यालय मुख्य चिकित्सा व स्वास्थ्य अधिकारी, दुर्ग में बैंक ड्रॉप संचालित नर्सिंग होम एक्ट शाखा में अर्थदण्ड तीनों निजी अस्पतालों को जमा करने आदेशित किया गया है। इसके अलावा नर्सिंग होम एक्ट 2010 व 2013 में वर्णित प्रावधान 9. अनुज्ञा-पत्र का निरस्तीकरण या निलंबन कंडिका (1) के उल्लंघन का दोषी पाए जाने पर अनुज्ञा पत्र का निरस्तीकरण अथवा निलंबन के लिए कंडिया (3) के अनुसार 30 दिवस का नोटिस दिया गया है।

यह है मामला :-
कार में बैठकर घर से निकली पीडि़ता
गुजरात से भिलाई के हाउसिंग बोर्ड में आई पूनम नागदेवे (24 साल) प्रेग्नेंट थी। पिछले 30 सितंबर 2021 की अल सुबह उसे सांस लेने में तकलीफ हुई। वह कार में बैठकर अपने पति के साथ उस निजी अस्पताल पहुंची। जहां दो माह से जांच करवा रहे थे। वहां चिकित्सक नहीं थे, तब मौजूद नर्स व स्टॉफ ने दूसरे अस्पताल ले जाने कहा। दूसरे हॉस्पिटल में चिकित्सक ने जांच किया। उसकी कंडीशन को देखते हुए ऑक्सीजन और एंबुलेंस दिया। तीसरे अस्पताल में पहुंचे तो मरीज को देखने एंबुलेंस तक कोई चिकित्सक नहीं आया और बेड नहीं है कहते हुए दूसरे सेंटर जाने कहा। चौंथे सेंटर में पहुंची लेकिन वहां दाखिल कर इलाज शुरू किए तब तक प्रेग्नेंट ने दम तोड़ दिया।

भिलाई के विपिन से हुई थी शादी
भिलाई में रहने वाले विपिन नागदेवे से महाराष्ट्र की पूनम की शादी हुई थी। विपिन गुजरात में जॉब करते हैं। घटना के बाद चीफ मेडिकल हेल्थ ऑफिसर के दफ्तर में उनका बयान लिए। तब भी उन्होंने कहा कि मकसद यह है कि किसी दूसरे के घर चिराग जलने से पहले बुझ जाए, ऐसा न हो। इस वजह से शिकायत किए हैं। अब इस मामले में कलेक्टर ने आदेश जारी किया है।

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