बीएसपी की मोनोपल्ली को झटका, जेएसपीसीएल ने भेजा रेलपांत की पहली खेप

निजी हाथों में रेलपांत की आपूर्ति का काम जाना, बीएसपी उच्च प्रबंंधन के सामने एक बड़ी चुनौती है। अपने को बेहतर साबित करना होगा प्रबंधन को.

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भिलाई. भारतीय रेल को रेलपांत सप्लाई करने का अधिकार अब तक सेल के भिलाई इस्पात संयंत्र के पास सुरक्षित था। पहली बार भारतीय रेल ने जिंदल स्टील एंड पॉवर कंपनी लिमिटेड (जेएसपीसीएल) को एक लाख टन का आर्डर दिया। जेएसपीसीएल ने 7,000 टन रेलपांत का पहला खेप भारतीय रेल को रवाना किया है। लांग्स रेलपांत से लदे रेक को सजाकर प्रबंधन ने भारतीय रेल को रवाना किया है। वैसे बीएसपी के पास भारतीय रेल से मिला हुआ बड़ा आर्डर है। इस वजह से छोटा आर्डर किसी निजी कंपनी को जाने से अधिक असर नहीं पड़ा है। बावजूद इसके बीएसपी की मोनोपल्ली इससे खत्म हुई है।
जेएसपीसीएल को 1,00,000 टन रेलपांत सप्लाई का आर्डर

भारतीय रेल ने जेएसपीसीएल को 1,00,000 टन रेलपांत सप्लाई का आर्डर दिया है। भारतीय रेल को अधिक से अधिक रेलपांत मरम्मत के दौरान बदने के लिए जरूरत है। यही वजह है कि स्टील अथॉरिटी ऑफ इंडिया लिमिटेड (सेल) के साथ-साथ दूसरी कंपनी को भी रेलपांत आपूर्ति का आर्डर दिया गया है।
रेक मिलने पर की जाएगी आपूर्ति
जेएसपीसीएल के अधिकारी रेलवे से रेक मिलने का इंतजार कर रहे हैं। दरअसल 260 मीटर लंबी रेलपांत की आपूर्ति के लिए रेलवे के विशेष रेक का इंतजार करना होता है। दो वेल्डिंग के साथ जेएसपीसीएल यह रेक तैयार कर रहा है।
बीएसपी के सामने है बड़ी चुनौती
निजी हाथों में रेलपांत की आपूर्ति का काम जाना, बीएसपी उच्च प्रबंंधन के सामने एक बड़ी चुनौती है। प्रबंधन को फिर एक बार साबित करना होगा कि वह सबसे बेहतर और अधिक काम करके दिखा सकता है।
बीएसपी को हर माह करना है एक लाख टन की आपूर्ति
भिलाई इस्पात संयंत्र को वित्त वर्ष 2018-19 के दौरान हर माह एक लाख टन रेलपांत की सप्लाई करना है। भारतीय रेल से सेल को हर साल १२ लाख टन रेलपांत आपूर्ति का आर्डर मिला हुआ है। तकनीकि दिक्कत दूर होने के बाद बीएसपी आर्डर के मुताबिक आपूर्ति कर पाएगा, यह उम्मीद की जा रही है।
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