7500 किट का किए आपूर्ति
जनपद पंचायत, पाटन सीईओ की मांग पर स्वास्थ्य विभाग में हड़कंप मचना तय था। आनन-फानन में कुछ कर्मियों को लगाकर मांग के एवज में 7500 किट तैयार कर दिया गया है। उम्मीद की जा रही है कि गुरुवार को शेष 7500 किट की आपूर्ति कर दी जाएगी। तमाम किट को किसके सहारे हर घर तक पहुंचाया जाएगा, इसको लेकर अलग से रणनीति बनाई जा रही है।
एक ब्लॉक से 1500 किट की मांग
धमधा के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र से खण्ड चिकित्सा अधिकारी ने चीफ मेडिकल हेल्थ ऑफिसर, दुर्ग को पत्र लिखकर 1500 पॉजिटिव मरीजों के लिए किट की मांग की है। इसके लिए वे तर्क दे रहे हैं कि हर दिन विकास खण्ड धमधा में 60 से 70 पॉजिटिव मरीज की पहचान हो रही है। जिसको देखते हुए उनके प्रथम संपर्क में आने वालों के लिए और पॉजिटिव मरीजों के लिए यह दवा मांगी गई है। 15 साल से अधिक उम्र के लोगों के लिए किट मांगा है।
निकुम ने मांगा 3000 किट
निकुम से पॉजिटिव मरीज को देने के लिए 1000 किट की मांग की गई है। इसी तरह पॉजिटिव मरीजों के परिजन जिनकी उम्र 15 साल से अधिक की है, उनको देने के लिए निकुम के खण्ड चिकित्सा अधिकारी ने नोडल अधिकारी होम आइसोलेशन, दुर्ग से 2000 प्रोफाइलेक्टिक किट की मांग की है।
यहां भी दी जाती है हर दिन किट
भिलाई और दुर्ग के विभिन्न जोनों में भी कोविड-19 पॉजिटिव मरीजों के लिए किट दिया जाता है। जिसमें भिलाई जोन, रिसाली जोन, दुर्ग शहर, महावीर जैन कोविड सेंटर, टंकी मरोदा, सुपेला अस्पताल, नगर पालिक निगम, जुनवानी, चरोदा भिलाई-तीन, कुम्हारी शामिल है।
19 लोगों की टीम से ढेर सारी उम्मीदें
किट तैयार करने के लिए मलेरिया विभाग से ७ कर्मियों और शिक्षा विभाग से 12 लोगों को लिया गया है। यह टीम दिनभर में करीब दो हजार किट तैयार करती है। जिसे शहर के विभिन्न जोन में बांटा जा सकता है। इसके बाद तीनों ब्लॉक में दवा कहां से भेज सकते हैं। बेहतर है कि अलग-अलग ब्लॉक में दवा भेजकर जरूरत के मुताबिक वहां किट तैयार करवाया जाए। वहां के शिक्षाकर्मियों का भी इसके लिए उपयोग किया जा सकता है।
एक दवा कम पडऩे से अटक जाता है काम
दवा का किट जिस स्थान पर तैयार किया जा रहा है। वहां किट में डाली जाने वाली सभी दवा मौजूद नहीं होती। जिसकी वजह से भी कई बार पूरी मेहनत दोहरानी पड़ती है। एक बार एक किट में चार दवा डाल देते हैं, इसके बाद दूसरी बार एक दवा डाली जाती है। इस तरह से एक काम को दो-दो बार किया जा रहा है। यहां की जिम्मेदारी जिनको दी गई है, वे एक बार में सभी दवा उपलब्ध नहीं करवा पा रहे हैं। दूसरी ओर एक भी फार्मेसिस्ट को तैनात नहीं किए हैं। इसका नुकसान अलग हो रहा है।
पॉजिटिव केस जहां अधिक वहां से आ रही मांग
डिप्टी कलेक्टर व नोडल अधिकारी, होम आइसोलेशन प्रवीण वर्मा ने बताया कि जिला के जिस ब्लॉक में कोरोना के पॉजिटिव केस अधिक मिल रहे हैं। वहां से किट की डिमांड अधिक आ रही है। हमारे पास दवाइयां मौजूद हैं। मांग के मुताबिक आपूर्ति किया जा रहा है।