पूजा बताती है कि वह जब 8 साल की थी तब पिता अचानक लापता हो गए। छोटे भाई व उसकी जिम्मेदारी मां पर आ गई। सालों तलाश करने के बाद जब पति का पता नहीं चला तो वह मां पूजा व उसके भाई को लेकर भिलाई आ गई। यहां मेहनत की और पूजा को स्टाफ नर्स बनाया। साल भर पहले पूजा की शादी हुई। इसके बाद पूजा को पता चला कि उसकी मां को कैंसर है। तब से पूजा पति के साथ दुर्ग में रहती है, लेकिन वह नियमित रुप से मां की सेवा करने हुडको पहुंच जाती हैं। वह बताती है कि कोविड ड्यटी करते समय उन्होंने डेढ़ माह तक अपनी मां से मुलाकात नहीं की। व्यस्तता को देख उसके पति ने मां की जिम्मेदारी ले ली थी। यही वजह थी कि उन्होंने निश्चित होकर कोविड-19 ड्यूटी की।
अचानक पता चला कोविड ड्यूटी
दरअसल पूजा को मालूम नहीं था कि उसकी कोविड-19 ड्यूटी लगी है। वह रोज की तरह मां से मुलाकात कर दवाईयां देने के बाद सीधे नाइट ड्यूटी करने जिला अस्पताल पहुंची। इसी बीच मैट्रन एम खान का फोन आया कि सुबह 5 बजे से नियमित रुप से रेलवे स्टेशन में सेवाएं देना होगा। अचानक ड्यूटी लगने से वह विचलित नहीं हुई। नाइट ड्यूटी करने के बाद सुबह स्टेशन जाने का प्लान बनाया। पूजा की यह बात सुनने के बाद मैट्रन ने तत्काल उसे नाइट ड्यूटी से रिलिव किया। इसके बाद से वह दुर्ग-भिलाई के रेलवे स्टेशन में ड्यूटी करती रही।
दरअसल पूजा को मालूम नहीं था कि उसकी कोविड-19 ड्यूटी लगी है। वह रोज की तरह मां से मुलाकात कर दवाईयां देने के बाद सीधे नाइट ड्यूटी करने जिला अस्पताल पहुंची। इसी बीच मैट्रन एम खान का फोन आया कि सुबह 5 बजे से नियमित रुप से रेलवे स्टेशन में सेवाएं देना होगा। अचानक ड्यूटी लगने से वह विचलित नहीं हुई। नाइट ड्यूटी करने के बाद सुबह स्टेशन जाने का प्लान बनाया। पूजा की यह बात सुनने के बाद मैट्रन ने तत्काल उसे नाइट ड्यूटी से रिलिव किया। इसके बाद से वह दुर्ग-भिलाई के रेलवे स्टेशन में ड्यूटी करती रही।
प्रसूता को देख स्टाफ नर्स का दिल पसीजा
पूजा बताती है कि स्टेशन में कई तरह के दृष्य नजर आते थे। जिसे देख वे विचलित हो जाती थी। खासकर गरीब मजदूरों की स्थिति वह देख नहीं पाती थी। श्रमिक स्पेशल में प्रसूता उत्तर प्रदेश से दुर्ग पहुंची थी। 5 दिन पहले ही उसका प्रसव हुआ था। वह दर्द से पेरशान थी और लाइन में खड़ी थी। जैसी पूजा की नजर उस महिला पर पड़ी उसने तत्काल महिला को लाइन से अलग किया और प्राथमिक उपचार देकर उसे घर भेजा।
पूजा बताती है कि स्टेशन में कई तरह के दृष्य नजर आते थे। जिसे देख वे विचलित हो जाती थी। खासकर गरीब मजदूरों की स्थिति वह देख नहीं पाती थी। श्रमिक स्पेशल में प्रसूता उत्तर प्रदेश से दुर्ग पहुंची थी। 5 दिन पहले ही उसका प्रसव हुआ था। वह दर्द से पेरशान थी और लाइन में खड़ी थी। जैसी पूजा की नजर उस महिला पर पड़ी उसने तत्काल महिला को लाइन से अलग किया और प्राथमिक उपचार देकर उसे घर भेजा।
विवाह समारोह में शामिल नहीं हो पाई
स्टाफ नर्स बताती है कि उसका विवाह एक वर्ष पहले ही हुआ है। ससुराल में उसकी ननद की शादी थी। ससुराल में होने वाले विवाह समारोह में शामिल होने का पहला अवसर था। पूजा ने बताया कि विवाह योग्य केवल उसकी ननद ही बची थी, लेकिन कोविड ड्यूटी की वजह से वह विवाह समारोह में शामिल नहीं हो पाई।
स्टाफ नर्स बताती है कि उसका विवाह एक वर्ष पहले ही हुआ है। ससुराल में उसकी ननद की शादी थी। ससुराल में होने वाले विवाह समारोह में शामिल होने का पहला अवसर था। पूजा ने बताया कि विवाह योग्य केवल उसकी ननद ही बची थी, लेकिन कोविड ड्यूटी की वजह से वह विवाह समारोह में शामिल नहीं हो पाई।