सहायक उद्योगों का ग्रेड हो तय
उद्यमियों का कहना है कि भिलाई स्टील प्लांट से काम लेने के बाद बेहतर काम कर समय पर देने वाले को ए ग्रेड दिया जाए। इसके बाद देरी से काम करके देने वाले को बी ग्रेड और काम लेने के बाद नहीं करने वाले के खिलाफ प्रबंधन सख्त एक्शन ले। इससे बेहतर ग्रेड पाने के लिए उद्यमी कोशिश करेंगे कि बीएसपी से काम मिलते ही जल्द पूरा किया जाए। वर्तमान में सभी को एक ही डंडी से हांका जा रहा है। जिससे बेहतर काम करने वाले को छोटा काम और काम लेकर विलंब करने वाले को कई बार बड़ा काम थमा दिया जाता है।
जानिए क्या काम करते हैं सहायक उद्योग
भिलाई इस्पात संयंत्र की बड़ी-बड़ी मशीनों में लगाए जाने वाले पाट्स तैयार करने का काम बीएसपी के सहायक उद्योग करते हैं। इनकी संख्या करीब 200 हैं। इन सहायक उद्योगों को भिलाई में लगाए जाने के पीछे मंशा ही यह थी। बीएसपी ने इन उद्योगों के लिए बहुत से उपकरण (जॉब) को रिजर्व कर दिया था। जिससे यह सहायक उद्योग आराम से चल रहे थे। इसके साथ-साथ बेरोजगारों को रोजगार मुहैया भी करवा रहे थे। औद्योगिक क्षेत्र, छावनी, जामुल में मजदूरों की बसाहट का कारण ही यहां के सहायक उद्योग रहे हैं।
तब मिल रहे थे 100 करोड़ के काम
भिलाई इस्पात संयंत्र से 2010 और 11 के दौरान सहायक उद्योगों को 100 करोड़ से अधिक का कार्य आवंटित हो रहा था। जिससे यहायक उद्यमी अपने उद्योगों में युवाओं की भर्ती कर रहे थे। इसके बाद 2011-12 में 80 करोड़ का काम दिया। इसके बाद धीरे-धीरे कर 25 से 30 करोड़ तक काम दिया जाने लगा। जिससे उद्योगों की कमर टूट गई है। बीएसपी प्रबंधन धीरे-धीरे कर जो जॉब तैयार करने सहायक उद्यमियों को दिया करती थी। वह अब ग्लोबल टेंडर से निकाला जा रहा है। इससे सालाना कारोबर सहायक उद्यमियों का करीब 60 फीसदी घट गया है। वहीं काम सहायक उद्यमियों से निकलकर दूसरे राज्यों में जा रहा है।
सहायक उद्योगों का बीएसपी करे ग्रेड तय
छत्तीसगढ़ एंसीलरी इंडस्ट्रीज एसोसिएशन के उपाध्यक्ष चरणजीत सिंह खुराना ने बताया कि सहायक उद्योगों का बीएसपी ग्रेड तय करे। जिससे उद्योगों में बेहतर काम करने के साथ-साथ समय पर काम पूरा करके देने के लिए प्रतिस्पर्धा होगी। इसका लाभ उनको मिलेगा जो समय पर आर्डर पूरा करते हैं। वहीं जो काम नहीं कर रहे प्रबंधन उन पर एक्शन ले। ग्रेड तय होने से उद्योगों को अन्य राज्यों में भी लाभ मिलेगा।
स्थानीय शिक्षित युवाओं को मिलेगा रोजगार
संतोष शर्मा, अध्यक्ष, छत्तीसगढ़ एंसीलरी इंडस्ट्रीज एसोसिएशन ने बताया कि राज्य सरकार चाहती है स्थानीय शिक्षित बेरोजगारों को रोजगार अधिक से अधिक मिले। यह सपना तब तक पूरा नहीं होगा, जब तक बीएसपी यहां के कामों को दूसरे राज्य के उद्यमियों को देते रहेगा। यहां नए उद्योग तब डाले जा सकेंगे, जब स्थानीय उद्योगों को काम मिलेगा। दूसरे प्रदेश में स्थानीय उद्योगों को जब तरजीह दी जा रही है, तब बीएसपी यहां के उद्योगों से रिजर्व आयटम छीन रहा है।