हड़प लिया था पैतृक जमीन
पुलिस के मुताबिक आजाद चौक पाटन निवासी प्रीतम देवागंन की मौत के बाद पुलिस ने लक्ष्मी नारायण भाले, गवाह मृतक की पत्नी हेमलता देवागंन व अन्य लोगों से पूछताछ की। घटना स्थल का निरीक्षण किया। पुलिस ने बताया कि साक्ष्यों के आधार पर व गवाहों के कथनों में यह बात सामने आई कि मनोज देवागंन ने पैतृक जमीन को हड़प लिया था। हिस्सा बंटवारा मांगने पर गाली-गलौज करता था। प्रॉपर्टी का बंटवारा नहीं दे रहा था। जिससे प्रताडि़त होकर बड़े भाई ने यह कदम उठाया। पूरी जांच में आरोपी मनोज देवागंन पिता बुधराम देवागंन निवासी आजाद चौक पाटन के खिलाफ प्रथम दृष्टया धारा 306 का अपराध घटित करना पाए जाने से अपराध पंजीबद्ध कर विवेचना में लिया गया।
पुलिस के मुताबिक आजाद चौक पाटन निवासी प्रीतम देवागंन की मौत के बाद पुलिस ने लक्ष्मी नारायण भाले, गवाह मृतक की पत्नी हेमलता देवागंन व अन्य लोगों से पूछताछ की। घटना स्थल का निरीक्षण किया। पुलिस ने बताया कि साक्ष्यों के आधार पर व गवाहों के कथनों में यह बात सामने आई कि मनोज देवागंन ने पैतृक जमीन को हड़प लिया था। हिस्सा बंटवारा मांगने पर गाली-गलौज करता था। प्रॉपर्टी का बंटवारा नहीं दे रहा था। जिससे प्रताडि़त होकर बड़े भाई ने यह कदम उठाया। पूरी जांच में आरोपी मनोज देवागंन पिता बुधराम देवागंन निवासी आजाद चौक पाटन के खिलाफ प्रथम दृष्टया धारा 306 का अपराध घटित करना पाए जाने से अपराध पंजीबद्ध कर विवेचना में लिया गया।
खाते से उड़ाए दिए 9 लाख 1 हजार
भिलाई के कुरुद वार्ड-16 निवासी रामजी निर्मलकर के स्टेट बैंक खाते से 9 लाख 1 हजार रुपए उड़ा दिए। शिकायत पर पुलिस ने धारा 420 के तहत जुर्म दर्ज किया है। जामुल थाना पुलिस ने बताया कि घटना 11 सितंबर की है। रामजी निर्मलकर की औद्योगिक क्षेत्र हाउसिंग बोर्ड स्टेट बैंक की ब्रांच में खाता है। उसके खाते से 9 लाख 1 हजार रुपए बिना किसी सूचना के कहीं ट्रांसफर हो गया। इसकी शिकायत बैंक की ब्रांच में की। जब कोई मदद नहीं मिली तब मामले की शिकायत पुलिस में की।
भिलाई के कुरुद वार्ड-16 निवासी रामजी निर्मलकर के स्टेट बैंक खाते से 9 लाख 1 हजार रुपए उड़ा दिए। शिकायत पर पुलिस ने धारा 420 के तहत जुर्म दर्ज किया है। जामुल थाना पुलिस ने बताया कि घटना 11 सितंबर की है। रामजी निर्मलकर की औद्योगिक क्षेत्र हाउसिंग बोर्ड स्टेट बैंक की ब्रांच में खाता है। उसके खाते से 9 लाख 1 हजार रुपए बिना किसी सूचना के कहीं ट्रांसफर हो गया। इसकी शिकायत बैंक की ब्रांच में की। जब कोई मदद नहीं मिली तब मामले की शिकायत पुलिस में की।