हर घंटे 50 कॉल, आरबीएम के डॉक्टर ने मां के लिए अपना घर से मांगी ऑक्सीजन

जिंदगी बचाने को हो रही जद्दोजहद

<p>हर घंटे 50 कॉल, आरबीएम के डॉक्टर ने मां के लिए अपना घर से मांगी ऑक्सीजन,हर घंटे 50 कॉल, आरबीएम के डॉक्टर ने मां के लिए अपना घर से मांगी ऑक्सीजन,हर घंटे 50 कॉल, आरबीएम के डॉक्टर ने मां के लिए अपना घर से मांगी ऑक्सीजन</p>
भरतपुर. कोरोना की दूसरी लहर में घुटती सांसों को सहज रखना अब बड़ी चुनौती बन गई है। यूं तो सरकारी दावे ऑक्सीजन पर्याप्त बता रहे हैं, लेकिन ऑक्सीजन की कमी से जूझती जिंदगियों को बचाने का बीड़ा उठा रहे अपना घर के फोन कॉल्स कुछ और ही कहानी कह रहे हैं। आलम यह है कि हर घंटे 50 जने ऑक्सीजन के लिए अपना घर से कन्संट्रेटर मांग रहे हैं। गुरुवार को आरबीएम अस्पताल में तैनात एक चिकित्सक ने अपनी मां के लिए ऑक्सीजन की व्यवस्था के लिए अपना घर से कन्संट्रेटर मांगा।
कोरोना काल में ऑक्सीजन की कमी से जूझते लोगों की जिंदगी बचाने के लिए मां माधुरी ब्रज वारिस सेवा सदन (अपना घर) की ओर से लोगों को कन्संट्रेटर उपलब्ध कराए जा रहे हैं। इसके लिए अपना घर ने हैल्प लाइन नंबर जारी किया है। बुधवार रात्रि ढाई बजे तक लोगों को आवश्यकता के अनुरूप कन्संट्रेटर उपलब्ध कराए गए। अपना घर की ओर से अभी 11 कन्संट्रेटर शहर में चल रहे हैं, जबकि मांग के मुताबिक अन्य कन्संट्रेटर मंगाए गए हैं। आलम यह है कि सामान्य जन के अलावा निजी अस्पताल भी अपना घर से ऑक्सीजन की डिमांड कर रहे हैं। बुधवार रात्रि को एक निजी अस्पताल की ओर से अपना घर फोन कर कहा गया कि उनके पास भर्ती मरीज के लिए ऑक्सीजन की व्यवस्था नहीं है। ऐसे में उन्हें कन्संट्रेटर दिया जाए। इस पर अस्पताल में कन्संट्रेटर भेजा गया। अपना घर की इस सेवा को देखते हुए पांच जनों ने अपना घर को और कन्संट्रेटर खरीदने के लिए राशि मुहैया कराई है।
कन्संट्रेटर की हो रही किल्लत

अपना घर के संस्थापक डॉ. बीएम भारद्वाज बताते हैं कि देश में कोरोना का कहर है। ऐसे में हर जगह ऑक्सीजन की किल्लत है। इसके साथ ही अब कन्संट्रेटर मिलना भी मुश्किल हो रहा है। दिल्ली से बमुश्किल कन्संट्रेटर मिल पा रहे हैं। आलम यह है कि कुछ लोग इन्हें ब्लेक में बेच रहे हैं। अपना घर की एक टीम केवल कन्संट्रेटर खरीद में ही जुटी हुई है। अपना घर ने 10 नए कन्संट्रेटर लाने का विचार किया था, लेकिन गुरुवार को दिल्ली में में महज 7 कन्संट्रेटर ही मिल सके।
जिंदगियां बचाने लोग भी आ रहे आगे

अपना घर की ओर से उठाए गए सेवा के बीड़ा को उठाने के लिए भामाशाह भी आगे आ रहे हैं। जानकारी के अनुसार एक कन्संट्रेटर की कीमत करीब 55 हजार रुपए है। यदि एक कन्संट्रेटर 10 जगह भी जाता है तो दस लोगों की जिंदगियां बचाई जा सकती हैं। ऐसे में एक जिंदगी की कीमत कन्संट्रेटर की कीमत से बहुत ज्यादा है। इसी भावना को लेकर अब भामाशाह भी आगे आ रहे हैं। गुरुवार को अपना घर को 5 कन्संट्रेटर खरीदने के लिए राशि मुहैया कराई गई। अपना घर को सत्यप्रकाश निवासी जवाहर नगर, रामकुमार गुप्ता ब्रज हनी वाले, मोहित बंसल जवाहर नगर, अपना घर सेवा समिति भरतपुर एवं अपना घर सेवा समिति खेरागढ़ ने कन्संट्रेटर खरीदने को राशि मुहैया कराई है। अपना घर को एक कंसंट्रेटर चंद्रभान शर्मा डीग एवं दो कंसंट्रेटर डॉ. विजय पाल आर्य न्यूयॉर्क यूएसए से उपलब्ध कराए हैं।
इंस्टॉल करने जा रही टीम, सुबह-शाम ले रहे खबर

अपना घर के हैल्प लाइन नंबर पर फोन आने की स्थिति में अपना घर की टीम पीडि़त के यहां कन्संट्रेटर इंस्टॉल करने पहुंच रही है। साथ ही दोनों समय मरीज के स्वास्थ्य संबंधी सूचना भी ली जा रही है। सूचना लेने का उद्देश्य मरीज का स्वास्थ्य लाभ जानने के साथ कन्संट्रेटर के खाली एवं भरे होने की स्थिति भी जानी जा रही है।
नहीं मिला तो दौड़े अपना घर

बुधवार को गांधी नगर निवासी लोकेन्द्र सिंह चाहर की ओर से अपना घर में कन्संट्रेटर के लिए कॉल किया गया। चाहर को आरबीएम में बेड नहीं मिल सका और मरीज को ऑक्सीजन की सख्त दरकार थी। अपना घर की टीम कॉल अटेंड करने के बाद उनके घर कन्संट्रेटर लेकर रवाना हो गई। इस दरिम्यान चाहर भी बाइक से अपना घर की ओर कन्संट्रेटर लेने चले गए। उनके मन में यह आशंका रही होगी कि रात को टीम आएगी या नहीं, लेकिन उन्हें अपना घर की टीम कन्संट्रेटर लेकर रास्ते में ही मिल गई। ऐसे में वह टीम को लेकर घर पहुंचे।
चिकित्सकों को भी नहीं मिल रहे बेड

आरबीएम में मरीजों की बढ़ती संख्या के बीच बेड उपलब्ध नहीं हो पा रहे हैं। आरबीएम अस्पताल में तैनात चिकित्सक रोहिताश कुमार ने अपना घर से अपनी मां की ऑक्सीजन जरूरत पूरी करने के लिए कन्संट्रेटर की गुहार की। इस पर टीम उनके घर कन्संट्रेटर लेकर पहुंची।
कॉल अटेंड कर पाना हो रहा मुश्किल

अपना घर आश्रम की ओर से ऑक्सीजन कन्संट्रेटर ऐसे परिवारों को उपलब्ध कराए जा रहे हैं, जिनका ऑक्सीजन लेबल 90 से कम है तथा चिकित्सालयों में उन्हें स्थान नहीं मिल रहा है। जरूरत पडऩे पर कोई भी इन कन्संट्रेटरों को हेल्प लाइन नंबर 8764396811 पर सूचित कर मंगा सकते हैं। शहर में ऑक्सीजन के अभाव में किसी की असमय जान नहीं जाए, इसके लिए अपना घर प्रयासरत है। अपना घर के हैल्प लाइन नंबर पर हर घंटे करीब 50 कॉल आ रहे हैं। आलम यह है कि दो व्यक्ति पीडि़त परिवारों के फोन कॉल अटेंड करने के लिए लगा रखे हैं। कॉल संख्या अधिक होने के कारण यह व्यक्ति कम पड़ते नजर आ रहे हैं। गुरुवार शाम तक फोन कॉल की संख्या 300 से अधिक रही।
इनका कहना है

कोरोना काल में लोगों की मदद करने के लिए कन्संट्रेटर उपलब्ध कराए जा रहे हैं। इसके लिए हैल्प लाइन बनाई गई है। लोग भी आगे आकर सहयोग कर रहे हैं। मांग को देखते हुए और कन्संट्रेटर मंगाए गए हैं।
-डॉ. बी.एम. भारद्वाज, संस्थापक अपना घर भरतपुर
Copyright © 2024 Patrika Group. All Rights Reserved.