नवासी को देख नानी की आंख हुई नम गुड्डी को लापता हुए लंबा समय बीत गया, लेकिन जब गुड्डी की मां पिता और भाई अपना घर आश्रम में उसे लेने पहुंचे और जब गुड्डी अपनी गोद में नन्ही सी गौरंगी को लेकर उनके सामने आई तो मां और पिता की आंखें गीली हो गईं। गुड्डी की मां और पिता दयाशंकर ने नवासी गौरांगी को गोद में लेकर देर तक दुलारा। इसके बाद उसे लेकर अपने गांव के लिए रवाना हुए।
हजारों बेसहाराओं को मिलता है सहारा बेघर लोगों को सहारा देने और उनकी सेवा के लिए जिलें में डॉ. बीएम भारद्वाज और उनकी पत्नी डॉ. माधुरी भारद्वाज ने मिलकर अपना घर आश्रम की स्थापना की थी। इस आश्रम की स्थापना का मुख्य उद्देश्य गरीबों और लाचारों की सेवा करना है, जिनका उनके अपनों ने साथ छोड़ दिया या जिनका इस दुनिया में कोई नहीं है. मानसिक रूप से बीमार लोगों की भी सेवा अपना घर आश्रम में की जाती है। ऐसे लोगों को इस आश्रम में लाया जाता है। उनका इलाज किया जाता है, खाना-पीना दिया जाता है और सेवा की जाती है। अपना घर आश्रम के नेपाल समेत देशभर में 36 शाखाएं संचालित हैं।