एक-दूसरे का रखा ख्याल तो कोरोना हुआ निढाल

-परिवार के छह जनों ने हराया कोरोना

<p>एक-दूसरे का रखा ख्याल तो कोरोना हुआ निढाल</p>
भरतपुर. अप्रेल माह में कोरोना महामारी चरम पर थी। ऐसे में यह खूब डरा रही थी। परिवार में पिता के संक्रमित होने के बाद अन्य लोग भी इसकी चपेट में आ गए, लेकिन क्षण बेहद डरावना था, लेकिन सबने हौसलों के साथ कोरोना से लड़ाई लड़ी और एक-दूसरे का ख्याल रखते रहे। इस दरिम्यान माहौल को खुशनुमा रखा और पूरा परिवार कोरोना को हराने में कामयाब हो गया। यह कहना है कृष्णा नगर निवासी दीपक शर्मा का।
दीपक शर्मा बताते हैं कि उनके पिता शशि कुमार शर्मा (51) गर्वमेंट कॉन्ट्रेक्टर हैं। अप्रेल माह के शुरुआत में वह कोरोना संक्रमित हो गए। इसके बाद उनके संपर्क में आने पर अन्य परिजन भी संक्रमित होते चले गए। पिता के संक्रमित होते ही सभी घर पर आइसोलेट हो गए और नियमित रूप से दवाओं का सेवन करते हुए सरकारी गाइड लाइन की पूरी तरह पालना की। खास तौर से बीमारी को मन पर हावी नहीं होने दिया और सकारात्मक सोच रखी। सभी एक-दूसरे को आश्वस्त करते रहे वह निश्चित रूप से कोरोना से जंग जीतेंगे। दीपक बताते हैं कि उनके दादाजी डायबिटीज के मरीज हैं। ऐसे में उनके लिए सभी फिक्रमंद थे। सकारात्मक सोच और बेहतर खान-पान के साथ आखिरकार पूरा परिवार कोरोना को हराने में कामयाब हो गया। पूरे परिवार ने करीब एक माह तक कोरोना से लड़ाई लड़ी। मई माह में सभी लोगों की रिपोर्ट नेगेटिव आ गई।
दिनचर्या को बनाया खास

दीपक शर्मा बताते हैं कि कोरोना के समय दिनचर्या को खास रखा। खाने के लिए डिस्पोजल का उपचयोग किया। वहीं सभी के लिए अलग-अलग दवा के पाउच बना दिए और घर में भी मास्क का उपयोग नहीं छोड़ा। दीपक बताते हैं कि इस दौरान गर्म पानी के गरारे, प्रतिदिन अनुलोम-विलोम, 30 सैकिंड तक सांस रोकने की प्रक्रिया, हल्दी वाला दूध सहित अन्य पौष्टिक चीजें लीं। इसकी बदौलत पूरा परिवार कोरोना को हराने में कामयाब हो गया।
यह हुए थे कोरोना से संक्रमित

कुंवर सेन शर्मा (81)

शशि कुमार शर्मा (51)

मिथलेश शर्मा (49)

नितिक्षा शर्मा (27)

हर्षिता शर्मा (25)

दीपक शर्मा (21)
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