कोरोना ने खाई, रोडवेज की कमाई

– यात्री भार गिरा, आधी रह गई रोडवेज की इनकम

<p>कोरोना ने खाई, रोडवेज की कमाई</p>
भरतपुर. कोरोना की दूसरी लहर हर क्षेत्र में कहर बरपा रही है। कोरोना ने रोडवेज की कमर भी तोड़ दी है। रोडवेज की कमाई पर कोरोना ने ग्रहण लगा दिया है। यात्री भार आधा होने के साथ रोडवेज की कमाई भी अब आधी रह गई है। आलम यह है कि पिछले दिनों की तुलना अब आधे यात्री ही सफर कर रहे हैं। बसों के संचालन पर भी कोरोना का असर पड़ रहा है।
यूं तो रोडवेज की गाइड लाइन के अनुसार बस में सोशल डिस्टेंसिंग की पालना के तहत कम ही यात्री ही बिठाए जा रहे हैं, लेकिन कोरोना के चलते यात्री भार आधा ही रह गया है। ऐसे में बस में महज 20 से 25 यात्री ही सफर कर रहे हैं। यात्री भार आधा रहने से कमाई भी खासी प्रभावित हुई है। बसों के संचालन की बात करें तो दिल्ली एवं बल्लभगढ़ आदि क्षेत्रों में जाने वाली बसों की संख्या भी कम हो गई है। पहले जहां चार बसें चलती थीं। अब यात्री भार के लिहाज से उनकी संख्या भी एकाध कम कर दी है। अन्य शहरों के लिए जाने वाली बसें जहां हर आधे घंटे या 15 मिनट में जा रही थीं, उनकी अवधि भी अब बढ़ गई है। यह बसें अब आधे घंटे से लेकर एक घंटे तक में रवाना हो रही हैं। कमोबेश यही स्थिति भरतपुर डिपो की भी है।
हर रोज तीन से चार लाख का घाटा

उत्तरप्रदेश एवं राजस्थान के विभिन्न शहरों के लिए लोहागढ़ डिपो बसें संचालित करता है। इन बसों से कमाई की बात करें तो लोहागढ़ डिपो की कमाई प्रतिदिन साढ़े आठ से नौ लाख रुपए तक थी, जो अब घटकर छह लाख रुपए से भी कम रह गई है। गिरते यात्री भार से इसकी आय में अभी और कमी होने का अनुमान लगाया जा रहा है।
इनका कहना है

कोरोना के चलते यात्री भार काफी गिरा है। कमाई की बात करें तो डिपो की आय आधी ही रह गई है। बसों के संचालन पर भी कोरोना असर डाल रहा है।
– महेश गुप्ता, मुख्य प्रबंधक लोहागढ़ डिपो
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