यह भी लिखा है आदेश में – निजी चिकित्सालय में स्थापित किए गए इन वेंटीलेटरों का कोई भी चार्ज मरीज से वसूल नहीं किया जाए। मरीज को जारी किए जाने वाले बिल में इस संबंध में कोई भी राशि प्रभारित नहीं की जाए।
– यदि आवंटित वेंटीलेटरों का उपयोग नहीं हो तो तुरंत वापस लौटाए जाएं। – चिकित्सालय निरीक्षण के लिए नियुक्त किए गए नोडल अधिकारी पूर्ण सहयोग किया जाए। – आदेशों की अवहेलना की स्थिति में आपना प्रबंधन अधिनियम 2005 की धारा 56 में कार्रवाई की जाएगी।
पीएमओ ने जिंदल हॉस्पिटल से मांगे वेंटीलेटर आरबीएम अस्पताल की प्रमुख चिकित्सा अधिकारी डॉ. जिज्ञासा साहनी ने जिंदल सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल एमसपीएम नगर भरतपुर को पत्र लिखकर आरबीएम चिकित्सालय की ओर से उपलब्ध कराए गए वेंटीलेटरों को वापस मांगा है। पीएमओ ने पत्र में कहा है कि जिला कलक्टर एवं अध्यक्ष जिला आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के अनुसरण में उपलब्ध कराए गए वेंटीलेटरों में से पांच वेंटीलेटरों को यथास्थिति वर्किंग कंडीशन में अविलंब आरबीएम चिकित्सालय को वापस जमा कराया सुनिश्चित करें।
जिंदल से वसूली भी तय सरकारी वेंटीलेटरों का निजी अस्पताल में उपयोग करने के मामले में जिंदल हॉस्पिटल की ओर से वेंटीलेटर के नाम पर मरीजों से ली गई राशि भी वसूलने की पूरी तैयार हो गई है। सूत्रों का दावा है कि जिंदल हॉस्पिटल ने मरीजों से करीब 9 हजार रुपए वेंटीलेटर के नाम पर लिए हैं। अब प्रशासन ने इस राशि की वसूली की तैयारी कर ली है।
इनका कहना है आरबीएम के चार-पांच वेंटीलेटरों का कम्प्रेशर डाउन हुआ है। इसकी शिकायत रजिस्टर करा रखी है। इसके चलते जिंदल हॉस्पिटल से पांच वेंटीलेटर वापस मांगे हैं। इन वेंटीलेटर के वापस आने के बाद विचार किया जाएगा कि किसी को वेंटीलेटर दिए जाने हैं या नहीं।
– डॉ. जिज्ञासा साहनी, प्रमुख चिकित्सा अधिकारी आरबीएम