प्रशासन बांट रहा वेंटीलेटर, पीएमओ ने मांगे वापस

– जिंदल हॉस्पिटल को पत्र किया जारी

<p>प्रशासन बांट रहा वेंटीलेटर, पीएमओ ने मांगे वापस</p>
भरतपुर . जिला प्रशासन सरकारी वेंटीलेटरों को बांटने से बाज नहीं आ रहा है। हाल ही में 12 मई को जिला प्रशासन ने एक पत्र जारी कर निजी अस्पतालों को अब निशुल्क वेंटीलेटर उपलब्ध कराने की बात कही है। वहीं आरबीएम की पीएमओ ने जिंदल हॉस्पिटल को पत्र लिखकर पांच वेंटीलेटरों को वापस मांग लिया है। उल्लेखनीय है कि राजस्थान पत्रिका ने नौ मई के अंक में गरीबों के हक की सांसों पर रसूख का साया शीर्षक से समाचार प्रकाशित कर जिला प्रशासन के काले कारनामे का खुलासा किया था। इसके बाद विपक्ष ने भी इस मुद्दे को जमकर उठाया था।
जिला कलक्टर की ओर से पत्र में कहा गया है कि प्रमुख शासन सचिव चिकित्सा एवं स्वास्थ्य के आदेश के तहत कोविड-19 से संक्रमित सभी मरीजों (राजकीय एवं निजी अस्पतालों में उपचाररत) को उपचार व चिकित्सकीय सेवाएं उपलब्ध कराने, उपलब्ध संसाधनों के विवेकपूर्ण एवं न्यायसंगत वितरण तथा मानव जीवन बचाने के दृष्टिगत उपलब्ध वेंटीलेटर, ऑक्सीजन कन्सन्ट्रेटर को राजकीय चिकित्सालयों में स्थापित किए जाने के बाद भी वेंटीलेटर, ऑक्सीजन कन्सन्ट्रेटर उपलब्ध हों तो उन्हें कोविड उपचार के लिए अधिकृत निजी अस्पतालों में स्थापित करने के लिए जिला कलक्टरों को अधिकृत किया है। चिकित्सा विभाग के इस आदेश के बाद आरबीएम चिकित्सलय में उपयोग में नहीं आ रहे वेंटीलेटरों को निजी चिकित्सालयों की मांग के अनुसार निशुल्क आवंटित किया जाता है। इसमें जिंदल हॉस्पिटल, एमजे हॉस्पिटल, विजय हॉस्पिटल, प्रदीप हॉस्पिटल एवं सिटी हॉस्पिटल को वेंटीलेटर देने की स्वीकृति दी है।
यह भी लिखा है आदेश में

निजी चिकित्सालय में स्थापित किए गए इन वेंटीलेटरों का कोई भी चार्ज मरीज से वसूल नहीं किया जाए। मरीज को जारी किए जाने वाले बिल में इस संबंध में कोई भी राशि प्रभारित नहीं की जाए।
यदि आवंटित वेंटीलेटरों का उपयोग नहीं हो तो तुरंत वापस लौटाए जाएं।

चिकित्सालय निरीक्षण के लिए नियुक्त किए गए नोडल अधिकारी पूर्ण सहयोग किया जाए।

आदेशों की अवहेलना की स्थिति में आपना प्रबंधन अधिनियम 2005 की धारा 56 में कार्रवाई की जाएगी।
पीएमओ ने जिंदल हॉस्पिटल से मांगे वेंटीलेटर

आरबीएम अस्पताल की प्रमुख चिकित्सा अधिकारी डॉ. जिज्ञासा साहनी ने जिंदल सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल एमसपीएम नगर भरतपुर को पत्र लिखकर आरबीएम चिकित्सालय की ओर से उपलब्ध कराए गए वेंटीलेटरों को वापस मांगा है। पीएमओ ने पत्र में कहा है कि जिला कलक्टर एवं अध्यक्ष जिला आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के अनुसरण में उपलब्ध कराए गए वेंटीलेटरों में से पांच वेंटीलेटरों को यथास्थिति वर्किंग कंडीशन में अविलंब आरबीएम चिकित्सालय को वापस जमा कराया सुनिश्चित करें।
जिंदल से वसूली भी तय

सरकारी वेंटीलेटरों का निजी अस्पताल में उपयोग करने के मामले में जिंदल हॉस्पिटल की ओर से वेंटीलेटर के नाम पर मरीजों से ली गई राशि भी वसूलने की पूरी तैयार हो गई है। सूत्रों का दावा है कि जिंदल हॉस्पिटल ने मरीजों से करीब 9 हजार रुपए वेंटीलेटर के नाम पर लिए हैं। अब प्रशासन ने इस राशि की वसूली की तैयारी कर ली है।
इनका कहना है

आरबीएम के चार-पांच वेंटीलेटरों का कम्प्रेशर डाउन हुआ है। इसकी शिकायत रजिस्टर करा रखी है। इसके चलते जिंदल हॉस्पिटल से पांच वेंटीलेटर वापस मांगे हैं। इन वेंटीलेटर के वापस आने के बाद विचार किया जाएगा कि किसी को वेंटीलेटर दिए जाने हैं या नहीं।
– डॉ. जिज्ञासा साहनी, प्रमुख चिकित्सा अधिकारी आरबीएम
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