भदोही. ज्ञानपुर के बाहुबली विधायक विजय मिश्रा (Bahubali MLA Vijay Mishra) के जेल में बन्द होने के कारण उनके कब्जे वाली भदोही जिला पंचायत अध्यक्ष (Bhadohi Zila Panchayat) की कुर्सी पर भाजपा विधायक रविन्द्रनाथ त्रिपाठी (BJP MLA Ravindra Tripathi) की निगाहें बनी हुई हैं। उनके भाई और दो भतीजे भाजपा से बगावत कर भाजपा प्रत्याशियों के खिलाफ ताल ठोंक रहे हैं। भाजपा ने भले ही विधायक के भाई-भतीजों को पार्टी से निष्कासित कर दिया हो लेकिन अंदरखाने की माने तो जो जीत वही सिकन्दर के तर्क पर विधायक की उम्मीदें अभी भी बनी हुई हैं। भाई-भतीजों के भाजपा से बगावत करने पर भले ही मीडिया में विधायक ने पूरे मामले से खुद को अलग कर लिया हो लेकिन भाजपा विधायक के साथ रविवार तक लगातार दो सीटों पर समझौते को लेकर बैठके कर रही थी लेकिन बात नही बनी।
गौरतलब हो कि भदोही जिला पंचायत पर करीब चार बार परोक्ष-अपरोक्ष तौर पर निर्विरोध कब्जा रहा। रवींद्रनाथ त्रिपाठी और विजय मिश्रा के बीच मधुर सम्बन्ध होने के बावजूद अचानक दोनो के बीच मे अदावत शुरू हो गयी। इधर विजय मिश्रा और उनके ही रिश्तेदार ने सम्पत्ति हड़पने का मामला दर्ज कर दिया और वो जेल चले गए। विजय मिश्रा के सत्ता में न होने और जेल जाने के बाद जिले और जिले से बाहर तमाम लोगों के अरमान जिला पंचायत अध्यक्ष की कुर्सी पर जाकर टिक गयी।
चुनाव परिसीमन सामने आते ही जहां बाहुबली बृजेश सिंह के बेटे ने जिला पंचायत सदस्य का भाजपा से टिकट मांग लिया तो वहीं भजपा विधायक रवींद्रनाथ त्रिपाठी के भाई और दो भतीजो ने भी अलग अलग वार्ड से टिकट के लिए दवा ठोंक दिया और इस दावे पर विधायक ने भी जमकर कर पैरवी की लेकिन पार्टी के नियमों के मुताबिक इनमें से किसी को टिकट नही मिला। टिकट न मिलने पर भाजपा विधायक रविन्द्र नाथ त्रिपाठी के भाई और दो भतीजो ने अलग अलग तीन वार्डो ने नामांकन कर दिया और चुनाव लड़ रहे हैं लेकिन इसी बीच इन तीनों सीट को लेकर रविवार को भाजपा कार्यालय में बीजेपी विधायक के सामने एक प्रस्ताव रखकर विधायक के भाई और एक भतीजो को भजपा प्रत्याशियों के पक्ष में चुनाव प्रचार करने की शर्त रखी गयी और बताया गया कि अगर ऐसा होता है तो विधायक के एक भतीजे को भाजपा भी समर्थन करेगी। इस दौरान विधायक के चेहरे पर भी कशमकश देखने को मिली लेकिन पार्टी को लगा कि बात बन गयी। पर शर्तो के न मानने पर पार्टी ने किसी तरह का बदलाव न करते हुए उनके भाई-भतीजो सहित 11 लोगों को पार्टी प्रत्याशियों के खिलाफ चुनाव लड़ने पर निष्कासित कर दिया गया। उधर यह मामला प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्रदेव सिंह से लेकर शीर्ष नेतृत्व के संज्ञान में आ गया है। भाजपा जिले में पार्टी का जिला पंचायत अध्यक्ष बनाने का दावा कर रही है ऐसे में यह देखने वाली बात होगी कि भाजपा में शुरू यह लड़ाई कहां जाकर खत्म होती है। वहीं विधायक इस बात को लेकर लगातार दावा कर रहे हैं कि वो पार्टी और पार्टी प्रत्याशियों के साथ हैं।