बैतूल का कुकरू गांव जंगल के बीच बसा है. यहां कुल्लू की तरह पहाड हैं, घने जंगल हैं और खूबसूरत झरने भी हैं. कुकुरू का यह सौंदर्य हर किसी को मोह लेता है. जब इसकी चर्चा टूरिज्म बोर्ड सदस्यों के समक्ष हुई तो उनके एक दल ने अगस्त माह में कुकरू और आसपास के इलाके का दौरा किया
दल ने इस दौरान क्षेत्र के सूर्य दर्शन प्वॉइंट, सनसेट प्वॉइंट, झरनों, भोंड़ियाकुंड, कॉफी बागान और पास के लोकलदरी गांव का भ्रमण किया. कुकरू का सौंदर्य इन्हें भी भाया और इसे टूरिज्म की दृष्टि से विकसित करने की योजना पर काम शुरु कर दिया गया. इसके लिए कुकरू, भोंड़ियाकुंड व लोकलदरी का चयन किया गया.
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कुकरू में एडवेंचर स्पोर्टस सेंटर विकसित करने की योजना बनाई गई है. इसके लिए स्थानों का चिह्नांकन भी कर लिया गया है. इसके अलावा, लोकलदरी व भोंड़ियाकुंड में होम-स्टे तथा लोकलदरी में ईको कल्चरल सेंटर बनाने का प्रस्ताव तैयार किया गया है. यहां बर्ड वाचिंग, फूड फेस्टिवल, स्टार गेजिंग, एडवेंचर कैंप, सांस्कृतिक महोत्सव आदि के आयोजन की भी योजना है.मध्यप्रदेश के बैतूल जिला मुख्यालय से यह स्थान 92 किमी दूर स्थित है. बैतूल में रेलवे स्टेशन है, वहीं 90 किमी दूर इटारसी रेलवे जंक्शन है. कुकरू बैतूल जिले की सबसे ऊंची चोटी पर स्थित है. समुद्र तल से 1137 मीटर ऊंचाई पर स्थित इस इलाके के कॉफी बागान बहुत प्रसिद्ध हैं. यहां वन विभाग और एको टूरिज्म विभाग के रेस्ट हाउस हैं जहां रुकने के लिए ऑनलाइन बुकिंग की जा सकती है.